इन दिनों कोरोना वायरस को लेकर कई तरह के मिथक प्रचलित हो रहे हैं. इन्हें लेकर आम लोगों में बहुत ज्यादा भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है. क्या है, इन मिथकों की सच्चाई, यहां जानें-
आयुर्वेद व होमियोपैथी कोविड-19 के उपचार में सहायक है हिंदुस्तान सरकार के आयुष विभाग ने एक सलाह जारी की थी, जिसमें कुछ एहतियाती तरीकों के बारे में बताया गया था, लेकिन वैज्ञानिकों व शोधार्थियों ने अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं बोला है कि आयुर्वेद, होमियोपैथी व जड़ी-बूटियों से कोविड-19 के संक्रमण का इलाज होने कि सम्भावना है.
जलनेति क्रिया से कोरोना संक्रमण दूर होता है जलनेति योग तकनीक है, इसके एक्सरसाइज से नाक साफ रहती है. इस तकनीक में शुद्धिकरण के लिए पानी का इस्तेमाल किया जाता है व नाक से गले तक के मार्ग को साफ किया जाता है, लेकिन कोरोना संक्रमण इससे दूर होता है, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण अभी तक नहीं है. इसलिए इसे कोविड-19 के इलाज के रूप में नहीं देखा जा सकता.
आईब्रूफेन का इस्तेमाल संक्रमण में खतरनाक होता है डब्लूएचओ ने बोला है कि उसने अभी तक उपलब्ध जानकारी के आधार पर आईब्रूफेन के इस्तेमाल को रोकने की अनुशंसा नहीं की है. उसका बोलना है, 'हम कोविड-19 के मरीजों का उपचार कर रहे फिजिशियनों के सम्पर्क में हैं व हमें आईब्रूफेन के सामान्य रूप से ज्ञात साइड इफेक्ट्स के अलावा, व किसी निगेटिव असर के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिली है.'