चैत्र शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 8 अप्रैल को दुनियाभर में हनुमान जयंती मनाई जाती है। इसके अलावा 11 अप्रैल कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का गणेश चतुर्थी व्रत है। इस व्रत रख महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। मगर, कोरोना वायरस की वजह से आप मंदिर नहीं जा सकते लेकिन आप घर पर भी हनुमान जी की पूजा कर सकते हैं।
हनुमान जयंती व्रत पूजा विधि
. इस दिन व्रत रखने वाले ब्रह्मचर्य का पालन करें। . सुबह व शाम उठकर प्रभू श्री राम, माता सीता व श्री हनुमान का स्मरण करें। . घर पर हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें और विधिवत उनकी पूजा करें। . हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें। . फिर हनुमान जी की आरती उतारें। . आप चाहें तो सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का अखंड पाठ भी कर सकते हैं।
इन चीजों का लगाएं भोग
भगवान हनुमान को प्रसाद के रुप में गुड़, भीगे या भुने चने एवं बेसन के लड्डू चढ़ाएं। माना जाता है कि इस दिन हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाने से मनोकामना की पूर्ति जल्दी हो जाती है।
संकट मोचन हनुमान जी की जन्म कथा
पुराणिक कथाओं के मुताबिक, हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार माने जाते हैं। अमर अमरत्व की प्राप्ति के लिए जब देवताओं व असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया, तब उससे निकले अमृत को असुरों ने छीन लिया और आपस में ही लड़ने लगे। तब भगवान विष्णु मोहिनी के भेष अवतरित हुए। मोहनी रूप देख देवता व असुर तो क्या स्वयं भगवान शिवजी कामातुर हो गए। इस समय भगवान शिव ने जो वीर्य त्याग किया उसे पवनदेव ने वानरराज केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट कर दिया, जिसके फलस्वरूप केसरी नंदन मारुती संकट मोचन रामभक्त श्री हनुमान का जन्म हुआ।