कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए देश में लॉकडाउन चल रहा है। यह लॉकडाउन आगे कब तक चलेगा, यह स्पष्ट नहीं है। इस दौरान लोग घरों से ही काम कर रहे हैं। सुबह से लेकर रात तक कोरोना वायरस की खबरें देखकर, पढ़कर बहुत सारे लोगों के मन में एक अजीब सा भय का माहौल बनने लगता है। बहुत सारे लोगों के मन में कहीं-न-कहीं एक नकारात्मकता भी जन्म ले रही है। लेकिन इस वायरस से हमें डरने की बजाय इसकी सही जानकारी रखने की जरूरत है। अफवाहों से दूर रहते हुए हमें सकारात्मक रहना चाहिए। यहां हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसी चीजों के बारे में, जो आपको इस माहौल में सकारात्मक रहने में मदद करेगी:
सकारात्मक सोच फिलहाल भले ही देश में कोरोना संकट चल रहा है, लेकिन इस पर काबू पाने के लिए सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियों की ओर से तमाम ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। घर में पड़े-पड़े आपको बोरियत महसूस हो रही होगी, लेकिन इसका सकारात्मक पक्ष है कि आप अपने परिवार को अपना भरपूर समय दे पा रहे हैं। एक समय था, जब आपके पास न खुद के लिए समय था, न ही अपने परिवार को देने के लिए पर्याप्त समय था।
मानसिक स्वास्थ्य लॉकडाउन से पहले भागदौड़ भरी दिनचर्या से आप बहुत थका हुआ महसूस कर रहे थे। लेकिन लॉकडाउन का यह सकारात्मक पक्ष ही तो है कि आपके पास अपने लिए और अपनों के लिए भरपूर समय है। अब आप खुद की और अपनों की देखभाल कर पा रहे हैं। तो बस इस दौर से परेशान न हों, बल्कि यह ध्यान रखें कि बुरा समय भी अपने साथ बहुत कुछ अच्छा लेकर आता है। खुद को मानसिक रूप से तरोताजा रखें।
नई चीजें सीखें पॉजिटिव सोच यानी सकारात्मक विचार हर मुश्किल को आसान बना देती है। अमर उजाला खुद भी और अपने पाठकों के माध्यम से भी सभी को कुछ रचनात्मक करने के लिए प्रेरित करता रहा है। खुद को आप नई-नई चीजों से जोड़ें। लॉकडाउन पीरियड में आप कुछ नया सीखने की कोशिश करें। आप अपने किचन में नए-नए व्यंजन बनाने की भी कोशिश कर सकते हैं।
स्केचिंग, पेंटिंग से लेकर गायकी तक आपको स्केचिंग, पेंटिंग, डांसिंग, गायकी का शौक रहा हो तो आप इसका अभ्यास कर सकते हैं। अपनी प्रतिभा में निखार ला सकते हैं। यूट्यूब पर आप डांस वीडियो देखकर डांस सीख सकते हैं। गिटार का शौक है तो वह भी सीख सकते हैं। बिहार के सहरसा की आरती कहती हैं कि खाली समय का उपयोग स्केचिंग और फोटोग्राफी में बिताती हैं। तनाव को दूर रखने का यह अच्छा जरिया है। कुल मिलाकर यह कि आपको कला की जिस विधा में रुचि हो, उसे आप धार दे सकते हैं। आप चाहें तो अपनी वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर साझा भी कर सकते हैं।
अच्छी किताबें पढ़ें हम में से कई ऐसे लोग हैं, जो किताबें पढ़ने के शौकीन होते हैं और व्यस्त दिनचर्या में समय नहीं मिल पाता। लॉकडाउन पीरियड ऐसे लोगों के लिए मुफीद समय है। दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी के प्राध्यापक डॉ. प्रकाश उप्रेती और पत्रकारिता के प्राध्यापक डॉ रुद्रेश नारायण मिश्रा कहते हैं कि किताबें पढ़ने का कोई लक्ष्य निर्धारित करने की बजाय जिस भी विषय में रुचि हो, बस पढ़ते रहें। इसे बोझ की तरह न लें। जब रुचि हो तभी पढ़ें।
योग और मेडिटेशन यह तो हम सभी जानते हैं कि मेडिटेशन यानी ध्यान हमारे मन-मस्तिष्क को शांत रखता है। यह हमारे गुस्से और तनाव को कंट्रोल करता है। हर दिन सुबह योगासन करना कई तरह की बीमारियों को हमसे दूर रखता है। खासकर शरीर में लचीलापन लाने और दर्द नहीं होने देने के लिए योग बहुत अच्छा माध्यम है। खुद को सकारात्मक रखें और नकारात्मकता को खुद से दूर रखें।