जम्मू-कश्मीर के केरन सैक्टर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए कुल्लू जिले के गांव पुईद के सैनिक बालकृष्ण का ब्यास नदी के तट पर भूतनाथ श्मशान घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इससे पहले सोमवार दोपहर को शहीद बालकृष्ण का पार्थिव शरीर हैलीकाप्टर से मनाली के निकट बाहंग स्थित सासे के हैलीपैड पर पहुंचाया गया। इस मौके पर प्रदेश सरकार की ओर से वन, परिवहन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर हैलीपैड पर मौजूद रहे तथा सेना के अधिकारियों के साथ शहीद के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव पहुंचाया। बालकृष्ण भारतीय सेना में पैरा ट्रूपर थे। उनका भाई भी सेना में ही सेवारत है। वह अपने पीछे दादा अनूप राम, पिता महेंद्र सिंह, माता इंदिरा देवी और बहन सोनिका को छोड़ गए हैं। वन मंत्री ने इन परिजनों को ढांढस बंधाया और सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का भरोसा दिया। गोविंद सिंह ने कहा कि बालकृष्ण ने अदम्य साहस और भारतीय सेना की उच्च परंपराओं का निवर्हन करते हुए देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। इसके लिए प्रत्येक भारतवासी उनका ऋणी रहेगा। सेना की ओर से आर्थिक मदद के अलावा प्रदेश सरकार भी शहीद के परिजनों को 20 लाख रुपये देगी। वन मंत्री ने प्रदेश सरकार की ओर से शहीद के परिजनों को मौके पर ही पांच लाख रुपये की धनराशि प्रदान की। इसके बाद भूतनाथ श्मशान घाट पर पूरे सैन्य एवं राजकीय सम्मान के साथ शहीद बालकृष्ण का अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर वन मंत्री के अलावा विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, एचपीएमसी के उपाध्यक्ष राम सिंह, सेना कैंप पलचान के कर्नल नरेश बरमोला, एसडीएम अनुराग चंद्र शर्मा, एसडीएम मनाली रमन घरसंगी, एएसपी राजकुमार चंदेल और अन्य गणमान्य लोगों ने भी शहीद बालकृष्ण को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।