जूएं मारने की दवा का इस्तेमाल कर, शोधकर्ताओं ने किया कोरोना वायरस के इलाज का दावा

जयपुर।चीन के वुहान शहर से इस समय पूरे विश्व में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण करीब 12 लाख से अधिक लॉग पॉजिटीव पाए गए है और लगभग 70 लोगो की इस न्यू कोविड—19 के गंभीर से मौत हो चुकी है।विश्व के कई देशों के वैज्ञानिक कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने वाली वैक्सिन की खोज करने में लगे हुए है।लेकिन अभी तक किसी भी देश के शोधकताओं को इसमें कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है।

वहीं हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के एक शोध में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने वाली दवा के बनाए जाने का दावा किया है।ऑस्ट्रेलिया के इस दवा को बनाने वाले शोधकर्ताओं ने बताया है कि सिर में पाए जाने वाले जुंए को मारने के लिए जिस दवा का का इस्तेमाल किया जाता है
उससे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है।ऑस्ट्रेलिया के बायोमेडिसिन डिस्कवरी इंस्टिट्यूट के शोधकर्ताओं की इस खोज के बारें में ऑस्ट्रेलिया के 'द सन' अखबार में इस बात को बताया गया है कि इस दवा का इलाज काफी प्रभाव होता है।
आपको बता दे कि जुंए मारने की दवा में इवरमेक्टिन नामक रसायन का प्रयोग किया जाता है और ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने इस दवा का इस्तेमाल कर कोरोना वायरस को समाप्त करने का दावा किया है।शोधकर्ताओं का कहना है कि इस दवा का डोज दिए जाने के कुछ घंटो बाद ही इसका असर दिखाई देना शुरू हो जाता है।
ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं का मानना है कि जब तक कोरोना वायरस के लिए प्रभावी वैक्सिन का निर्माण नही किया जाता है तब तक इसका इस्तेमाल कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए किया जा सकता है।

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