जयपुर हेल्थ। गरम मसाला, जीरा, काली मिर्च, दालचीनी, जावित्री, जायफल, लौंग, छोटी इलायची, बड़ी इलायची, तेज पत्ता आदि को मिलाकर तैयार किया जाता है। इसमें मौजूद सभी पदार्थ पोषक तत्वों से भरपूर होते है। जीरा पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
इसमें आयरन, मैगनीज, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस अच्छी मात्रा में पाया जाता है। जीरा तासीर गर्म होती है, इसलिए ये वात और कफ से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। काली मिर्च में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। काली मिर्च आंतों में सेलेनियम, करक्यूमिन, बीटा कैरोटिन और विटामिन बी जैसे पोषक तत्वों को अवशोषित करने में सहायक होती है। काली मिर्च सर्दी-खांसी जैसे मौसमी बीमारियों में फायद पहुंचाता है।
यह कैंसर जैसे रोग से लड़ने में मदद करती है। दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट गुण भरपूर होते हैं। साथ ही विटामिन भी प्रचुर मात्रा में होते हैं। दिल से संबंधित बीमारी में यह विशेष फायदा पहुंचाती है। जावित्री के सेवन से गठिया, पाचन तंत्र, डिप्रेशन, दांत से जुड़ी समस्याएं और किडनी से जुड़ी समस्याएं नहीं होती हैं। जायफल में बहुतायत में मिनरल, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम पाया जाता है।
जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। लौंग में पोटेशियम, कैल्शियम, सोडियम और मैग्नीशियम शामिल हैं। उनमें पाए जाने वाले विटामिन में विटामिन ई, फोलेट आदि शामिल हैं। यह गर्म तासीर का है, इसलिए सर्दी खांसी जैसी बीमारी में अवश्य सेवन किया जाता है। बड़ी इलायची को मसालों की रानी कहा जाता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में यह काफी असरकारक होती है। तेज पत्ता एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन ए, विटामिन सी, थायमिन की अच्छी मात्रा होती है।