अपनी दुखी मां को थर्मोडायनामिक्स का पहला नियम याद दिलाने के लिए आपको सच में किसी फिज़िसिस्ट की जरूरत है! आपकी पूरी ऊर्जा, हर तरंग, हर उष्मा, आपके हर कण की हर हरकत इसी दुनिया में रहती है, रहेगी, यही होगा.