दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में वैज्ञानिक ने बनाई 'महामारी ड्रोन तकनीक

वैज्ञानिक जल्द ही उच्च तकनीक से लैस ड्रोन की मदद से भीड़ में उपस्थित कोरोना संक्रमित आदमी को भी ढूुढ निकालेंगे. दक्षिण ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय व कनाडा स्थित ड्रोन प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ ड्रेगन फ्लाइ इंक ने एक विशेष 'महामारी ड्रोन या पैन्डेमिक ड्रोनÓ प्लेटफॉर्म विकसित करने के लिए टीम बनाई है. यह ड्रोन संक्रामक श्वसन रोगों वाले लोगों को खोजने के लिए विशेष सेंसर व कंप्यूटर विजऩ का उपयोग करता है.

कोविड-19 वायरस जैसी महामारी को नियंत्रित करने में यह पता लगाना सबसे अहम है कि है कि वायरस से कौन संक्रमित है व बीमारी कितनी व्यापक स्तर पर फैल चुकी है. इसका एक उपाय यह है कि लक्षण दिखाने वाले लोगों की तलाश की जाए. इसलिए सेंसर सिस्टम के प्रोफेसर चेयरमैन जावान चहल के नेतृत्व में टीम रिमोट सेंसिंग व कंप्यूटर एल्गोरिदम का इस्तेमाल कर संक्रमण का पता लगाने की प्रयास कर रही है.
हालांकि ड्रोन के परिणाम पूरी तरह ठीक नहीं होते लेकिन इससे एक व्यावहारिक अंदाजा मिल जाता है कि उपकरण है कि भीड़ में कौन या कितने संभावित संक्रमित लोग उपस्थित है. टीम के अनुसार, नया ड्रोन शरीर के तापमान, दिल गति व श्वसन दर को पहचानने में सक्षम है. यह छींकने व खाँसी का भी पता लगा सकता है. यह कार्यालयों, हवाई अड्डों, क्रूज जहाजों व वृद्धाश्रमों सहित भीड़ में भी कार्य करता है.

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