There is no law for a king : Coronavirus ravish kumar blog over bjp mla raja singh over pm modi appeal
नई दिल्ली, 06 अप्रैल 2020. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट तक बत्ती गुल कार्यक्रम की भक्तों द्रा रेड़ लगाए जाने पर चर्चित एंकर रवीश कुमार ने चुटकी ली हैं। रवीश ने अपने फेसबुक पर एक वीडियो क्लिप शेयर करते हुए लिखा,
'मशाल से कोरोना को भगाते तेलंगाना के बीजेपी विधायक राजा सिंह। थोड़ी दूरी बना कर खड़े हो सकते थे। राजा जी राजा की तरह निकल पड़े हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा था कि घर में रहो नहीं तो देखते ही गोली चलाने के आदेश देने पड़ जाएँगे। मैं मानता हूँ कि राजा सिंह ने मशाल लेकर जो जुलूस निकाली है उससे एक अलोकतांत्रिक बयान को भी चुनौती दी है। तेलंगाना पुलिस कहीं नज़र नहीं आई। राजा के लिए क़ानून नहीं होता है।'
Many things can be learned from this torch procession.
रवीश ने लिखा
'इस मशाल जुलूस से कई चीजें सीख सकते हैं। जैसे:
कोरोना वायरस को अंग्रेज़ी आती है। तभी राजा सिंह ने गो बैक गो बैक चाइना वायरस गो बैक के नारे लगाएठ
Go Corona Go Corona Slogan is the father of Maharashtra leader Ramdas Athawale.
रवीश ने लिखा कोरोना को अंग्रेज़ी आती है। | Ravish wrote that Corona knows English.
'गो कोरोना गो कोरोना। इस स्लोगन के जनक महाराष्ट्र के नेता रामदास अठावले हैं। उन्होंने ही पहली बार थाली पीट कर गो कोरोना गो कोरोना कहा था।'
मतलब साफ़ है कोरोना को अंग्रेज़ी आती है।
लोकल आई बी जुलूस रिपोर्ट चीन को भी भेज दें।'
उन्होंने लिखा,
'दूसरा सबक़ है
छह फ़ीट की दूरी बनाना कितना मुश्किल काम है।
सपोर्ट वाले नेताओं को सामाजिक दूरी में छूट मिले
कोरोना से कहा जाए कि राजा सिंह और उनके लोगों से दूर रहो
राजा सिंह के लोगों के हाथ में मशाल है। फूँक जाओगे।
राजा सिंह ने अपने इस मशाल प्रयोग से साबित भी कर दिया है कि छह फ़ीट की दूरी फ़ालतू सनक है।
अगर यह दूरी वैज्ञानिक है तो बाक़ी लोगों के लिए है न कि विधायक के लिए।'
रवीश ने लिखा
'तीसरा सबक़ -
फिर भी आप राजा सिंह का अनुकरण न करें। आलोचना भी न करें। वे विधायक हैं। आप नहीं। सपोर्टर लोग गाली देकर आपको तनाव से संक्रमित कर देंगे। इसलिए तारीफ़ करें और तनाव मुक्त रहें।'
रवीश ने लिखा
'मशाल जुलूस। कोरोना का पलायन। इतना सिम्पल है। और दुनिया फ़ालतू में तंग हो रही है। बीजेपी विधायक राजा सिंह से सीखें। फ़ालतू आलोचना में समय न गँवाएँ। सकारात्मक बनें। बड़े बुजुर्ग कहा करते थे। विद्वान ही परेशान होता है। मूर्ख हमेशा ख़ुश रहता है।'