कई राष्ट्रों में लॉकडाउन से लोग अपने घरों में रहने को विवश हैं. ऐसी स्थिति में कुछ स्वास्थ विशेषज्ञों का मानना है कि इससे लोगों का फैट की चर्बी बढ़ सकता है. घर पर रहकर लोग तनाव के कारण ज्यादा खाना खाते हैं
व व्यायाम कम करते हैं, जिसके कारण फैट की चर्बी बढ़ने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है.
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर लोग इसी तरह ज्यादा भोजन खाते रहे व व्यायाम न करें तो उनमें मोटापे के साथ-साथ कई बीमारियां भी हो सकती हैं. कई राष्ट्रों में लोग जिम व व्यायाम के लिए भी बाहर नहीं जा सकते हैं. इससे उनमें आलस बढ़ता जा रहा है. ना तो वे बाहर जिम करने जा पा रहे हैं व न हीं घर पर किसी तरह की शारीरिक गतिविधि कर रहे हैं.
आहार विशेषज्ञ जेनिफर ऑबर्ट ने बोला कि शारीरिक गतिविधि में कमी के कारण एक वयस्क रोजाना 400 से कम कैलोरी बर्न कर पाता है. कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि मोटापे को नियंत्रण में रखने का सबसे अच्छा उपचार है भोजन का कम से कम सेवन करना.
आशंका - चिंता में अधिक भोजन का सेवन करते हैं लोग - घर में रहने से आलस बन सकता है मोटापे का बड़ा कारण
विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण सलाह ब्रिटेन की एक आहार विशेषज्ञ बताती हैं कि यह पहले से ही प्रमाणित है कि इंसान चिंता में अधिक भोजन का सेवन करता है. इससे शरीर अधिक मोटा हो जाता है. इससे बचने के लिए आप केवल स्वस्थ व ताजा भोजन का ही सेवन करें. आपको इस दौरान क्या खाना चाहिए व क्या नहीं, इसके लिए आप किसी आहार विशेषज्ञ से घर बैठे सलाह भी ले सकते हैं.
आहार विशेषज्ञों ने बताया कि लॉकडाउन में लोग चाहे तो अपना वजन कम भी कर सकते हैं. वे अपने भोजन को कम कर दें व ज्यादा व्यायाम करें तो वो इस दौरान तंदुरुस्त भी हो सकते हैं