ऐसे करे सूखी खांसी व गले में खराश का उपचार

आयुष मंत्रालय ने कोरोना से मुकाबले के लिए उन आयुर्वेदिक औषधियों की सिफारिश की है जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं. कोरोना का किसी भी पद्धति में कोई उपचार नहीं है,

इसलिए उसका मानना है कि इस प्रकार के तरीका से संक्रमण से बचाव में मदद मिल सकती है. आयुष विशेषज्ञों का दावा है कि आयुर्वेद की तमाम सुगंधित जड़ी-बूटियों में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की क्षमता है.
13 जड़ी बूटियों से तैयार फॉर्मूला: हाल में एम्स भोपाल ने अपने एक अध्ययन में जड़ी-बूटियों से बने एक फॉर्मूले फीफाट्रोल को बैक्टीरिया से निपटने में मानव प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत बनाने में अच्छा पाया था. शोध अब भी चल रहा है. यह फॉर्मूला 13 जड़ी-बूटियों से तैयार किया गया है. इनमें सुदर्शन वटी, संजीवनी वटी, गोदांती भस्म, त्रिभुवन कीर्ति, मृत्युंजय रस, तुलसी, कुटकी, चिरयात्रा, मोथा, गिलोय, दारुहल्दी, करंज तथा अप्पामार्ग शामिल हैं. ऐसे कई फार्मूले हैं जिनके प्रयोग से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होने कि सम्भावना है. आयुष मंत्रालय की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों को तैयार करने वाली टीम के एक विशेषज्ञ बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के। एन। द्विवेदी ने हिन्दुस्तान से बोला कि जो फार्मूले गिलोय, अश्वगंधा, दालचीनी, लौंग, काली मिर्च आदि से बने हैं, वे प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करते हैं.
ये तरीका सामान्य सूखी खांसी व गले में खराश का उपचार करते हैं
पुदीना के पत्तों या अजवाइन के साथ एक बार भाप लिया जा सकता है.
1. नाक का अनुप्रयोग: सुबह-शाम नाक में तिल का तेल, नारियल का ऑयल या घी लगायें.
2. तेल पुलिंग थेरेपी: एक चम्मच तिल या नारियल के ऑयल को दो मिनट तक मुंह में रखें व थूक दें. फिर गर्म पानी से कुल्ला करें.
तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सोंठ व मुनक्का से बना काढ़ा/ हर्बल टी दिन में दो बार लें. आवश्यक हो तो स्वाद के अनुसार गुड़ या ताजा नींबू का रस मिलाएं.
गोल्डन मिल्क -150 मिली गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर-दिन में एक या दो बार लें.
प्रतिदिन प्रातः काल 1 चम्मच च्यवनप्राश लें. मधुमेह रोगियों को शुगर फ्री च्यवनप्राश लेना चाहिए.

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