दुनियाभर में इस वक्त कोरोना महामारी ने तबाही मचा रखी है। इससे लड़ने के लिए हर कोशिश की जा रही है।
डेली न्यूज़ 360 पर छपी खबर के अनुसार, इस खतरनाक वायरस को आखिर कैसे खत्म किया जाए दुनिया के सभी वैज्ञानिक इसी शोध में लगे हैं।
इसी के साथ ये भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर कोरोना वायरस कोवीड 19 कहां से फैला।
इस बीच ब्रिटेन सरकार को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली है कि कोवीड19 का संक्रमण पहले चीन के लैब से जानवरों में हुआ और उसके बाद वह इंसानों में फैलाया गया है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी लैब में इबोला, निपाह, सॉर्स और दूसरे घातक वायरसों पर रिसर्च कर रहे वैज्ञानिक अपने माइक्रोस्कोप में एक अजीब सा वायरस नोटिस कर रहे थे।
जो कि मेडिकल हिस्ट्री में कभी नहीं देखा गया। इसके जेनेटिक सीक्वेंस को गौर से देखने पर पता चल रहा था कि ये चमगादड़ में पाए जाने वाले वायरस के करीबी हो सकता हैं।
वैज्ञानिक इस वायरस में वो सार्स वायरस के साथ समानता को देख पा रहे थे, जिसने 2002-2003 में चीन में महामारी लेकर आई थी और दुनिया भर में 700 से ज़्यादा लोग मारे गए थे।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि उस वक्त भी ये बताया गया था कि सार्स छूने और संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से फैलता है, लेकिन तब चीन इस वायरस को छुपा लिया था। जिसके कारण से इतने लोगों की जान गई।
वुहान में इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी है, जहां कई तरह की टेस्टिंग होती है। बता दें कि चीन में यह सबसे एडवांस लैब माना जाता है। यह इंस्टिट्यूट जानवरों के बाजार से महज 10 मील दूरी पर ही है।
इसके अलावा वुहान सेटंर फॉर डिजिज कंट्रोल भी वुहान के पशु बाजार से करीब तीन मील दूर है। बता दें कि घातक इबोला वायरस जैसे माइक्रोऑर्गेनिजम पर टेस्टिंग करने की काबिलियत रखता है।
लंदन की रिपोर्ट में ये कहा गया है कि इंस्टिट्यूट के कर्मचारियों के खून में सबसे पहले कोरोना का इन्फेक्शन हुआ और फिर इसने स्थानीय आबादी को संक्रमित किया है।
ब्रिटेन के जासूसों का मानना है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान के पशु बाजार से इंसानों में फैला, लेकिन चीनी लैब से हुई लीक की बात को भी एकदम से नकारा नहीं जा सकता है।
जब ये रिपोर्ट तैयार की गई थी तब ही ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने कोरोना टेस्ट काराय और वो पॉजीटीव पाए गए। अभी वो अस्पताल में भर्ती हैं।