अगर आपकी जिंदगी में भी हैं परेशानियां, तो रामायण की इन पांच सीख को जीवन में करें शामिल

06 Apr, 2020 11:29 AM | Saroj Kumar 429

रामायण हिंदू धर्म का एक प्रमुख ग्रंथ है, जिसका आधार मर्यादा, अनुशासन, कर्तव्य और बुराइयों पर जीत हैं। इस ग्रंथ में इन सब चीजों पर बल दिया गया है और इसका विस्तार से वर्णन किया गया है। इसमें बताया गया है कि अगर जीवन में इन सभी को शामिल किया जाए तो कभी भी परेशानियां नहीं आएंगी।


अनुशासन और मर्यादा 
रामायण में अनुशासन और मर्यादा को एक आधार बनाया गया है। इसमें भगवान राम की छवि अनुशासित और मर्यादित होती है। इसलिए भगवान राम को मर्यादित पुरषोत्तम राम भी कहा जाता है। इसी तरह भगवान राम की ही तरह कोई भी व्यक्ति अपने अंदर इन गुणों को लाकर एक सुखी जीवन जी सकता है।


दयालुता और स्नेह  
रामायण में दयालुता और प्रेम भाव भी सीखने को मिलता है। भगवान राम काफी दयालु होते हैं और प्रेमभाव के साथ वह कई रिश्तों के धागों में बांधकर रखते हैं। उन्होंने अपनी हर जिम्मेदारी को प्रेम भाव से बखूबी निभाया है। राम जी की तरह अगर हर व्यक्ति इन गुणों को अपनाए तो वह कभी अंसतोषजनक नहीं रहेगा और हमेशा खुश रहेगा।


एकता 
रामायण से आप सीख सकते हैं कि विविधता में भी एकता कितनी जरूरी होती है। जब रावण ने सीता का अपहरण कर लिया था तो राम उन्हें बचाने के लिए पूरी सेना लेकर गए थे। आपको बता दें कि उस सेना में न केवल इंसान बल्कि जानवर भी शामिल थें। यही नहीं राम के सभी भाई स्वभाव का अलग होने के बावजूद आपस में काफी प्यार और स्नेह से काफी कुछ सीखने को मिलता है।


विश्वास 
विश्वास-भरोसा जिंदगी के वह अहम हिस्सा है जिसके होने से रिश्ते खुशी खुशी निभाए जाते हैं और न होने पर बिखर भी सकते हैं। विश्वास किसी भी रिश्ते की सबसे बड़ी पूंजी होती है। रामायण विश्वास करने की भी सीख देती है। राम के 14 साल वनवास के बाद भी राम का अपने भाइयों के प्रति प्यार न खत्म हुआ और न ही उनके भाइयों का।


समान आचरण 
जीवन में आचरण का भी बेहद अहम महत्व होता है। रामायण में भगवान राम सभी के प्रति एक समान आचरण रखते हैं, चाहें वह मनुष्य हो या कोई जानवर। राम ने कभी भी लिंग, रंग, वर्ण, जाति के आधार पर भेदभाव नहीं किया। ये व्यक्तित्व ही उन्हें सबसे अलग और महान बनाता है।


Source :- Live Jagran. 

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