9 महीने बाद आएगी कोरोनावायरस की वैक्सीन, तब तक दुनिया में हो सकती है इतनी मौत!

नई दिल्ली।

कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते दुनिया भर में अब तक 13 लाख से अधिक लोग पीड़ित हो चुके हैं, जबकि 70 हजार से ज्यादा लोगों ने जान गवाई है। चीन (Chine) के हुबेई प्रांत स्थित हो गई शहर से शुरू हुआ यह कहर अब दुनियाभर को अपनी जद में ले चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसको वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है। दुनिया के तमाम देश इसको लेकर अपने अपने हिसाब से लड़ाई लड़ रहे हैं।
ट्रायल और निर्माण में लगता है इतना वक्त
अभी तक इस वायरस का वैक्सीन तैयार नहीं हुआ है। अमेरिका ने काफी बाद में इसके वैक्सिंग पर काम किया और इस वैक्सीन की टेस्टिंग फर्स्ट स्टेज पर है। अमेरिका में अभी वैक्सीन का ट्रायल पशुओं पर किया जा रहा है। करीब 6 महीने में 3 ट्रायल के बाद इस वैक्सीन का निर्माण शुरू होगा और इसके निर्माण में कम से कम 3 महीने का वक्त लगेगा।
अमेरिकी डॉक्टरों ने दी जानकारी
अमेरिकी डॉक्टरों के मुताबिक वैक्सीन के लिए कम से कम 6 महीने का ट्रायल पीरियड होता है। जिसमें 3 स्टेज पर इसका ट्रायल किया जाता है, अभी पहले स्टेज पर ट्रायल किया जा रहा है, जबकि इसके निर्माण में अलग से 3 महीने का समय लगेगा।
अमेरिका है सबसे अधिक प्रभावित
कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीजों की संख्या के हिसाब से देखा जाए तो दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित महाशक्ति, यानी अमेरिका यहां पर अभी तक 336000 से अधिक मरीज पॉजिटिव सामने आए हैं। इनमें से करीब 9000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
मृतकों के हिसाब से इटली सबसे बड़ा देश
हालांकि मरीजों के लिहाज से अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा कोरोनावायरस देश है, लेकिन मृतकों की संख्या के मुताबिक देखा जाए तो इटली में सर्वाधिक मौतें हुई हैं। यहां पर अब तक 15000 से ज्यादा लोग कोरोनावायरस की वजह से अपनी जान गवा चुके हैं।
भारत और जर्मनी में सबसे कम है मरीजों के मुकाबले में मृतकों की संख्या
इटली में कोरोनावायरस पॉजिटिव मरीजों की संख्या में से करीब 15% की मौत हुई है, जबकि इस मामले में स्पेन जर्मनी दुनिया का ऐसा देश है, जहां 100 मरीजों में से करीब 1.3 मरीजों की मौत हुई है। भारत में भी मरीजों के मुकाबले मृतकों की संख्या काफी कम है। यहां पर 100 मरीजों पर करीब 3 मरीज मौत की नींद सो जाते हैं।
क्या वास्तव में दुनिया में 5 करोड़ लोगों की मौत हो सकती है?
ब्रिटेन की इंपीरियल कॉलेज की एक शोध टीम ने पाया कि कोरोनावायरस के चलते अमेरिका में 2200000 लोगों की मौत होगी। इसी तरह से ब्रिटेन में 500000 लोग कोरोनावायरस के चलते अपनी जान गवां चुके होंगे। दुनिया भर की बात की जाए तो करीब 5 करोड़ लोगों की मौत का अंदेशा जताया गया है।
अमेरिका में इतने मरीजों की संख्या क्यों?
अमेरिका में दुनिया की सर्वाधिक मरीज होने का कारण वहां पर समय पर कठोर कदम नहीं उठाया जाना है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अमेरिका के सर्वाधिक प्रभावित न्यूयॉर्क शहर में 28 मार्च को लॉक डाउन किया था। जबकि भारत 24 मार्च की रात 12:00 बजे पूरे देश को बंद कर चुका था।

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