जयपुर।
कोरोनावायरस का राजस्थान समेत पूरे देश में कहर जारी है। राजस्थान में आज अब तक 253 मामले हो चुके हैं। आज ही दोपहर 3:00 बजे तक आई रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश में 47 नए मामले सामने आए हैं। पिछले 4 दिन में देशभर में कोरोनावायरस के नए मामलों में अधिकांश मामले तबलीगी जमात से निकले हुए लोगों के ही हैं।
इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सरकार ने मरीजों की अपनी दैनिक रिपोर्ट में से "तब्लीगी जमात" शब्द वाली पंक्ति खत्म कद दी है।
आज शाम को जारी की गई रिपोर्ट में चिकित्सा विभाग ने अपना ही बनाया हुआ फॉर्मेट बदल दिया है। आज दिन तक जिलों में से जो भी "तब्लीगी जमात" के पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे थे, उनके लिए अलग से कॉलम बना हुआ था, जिसको आज रिमूव कर दिया गया है।
आज अचानक विभाग ने फॉर्मेट बदला तो सवाल भी उठ खड़े हुए हैं। आखिर क्या कारण है कि नए फॉर्मेट में तब्लीगी जमात का कोई उल्लेख नहीं किया गया है? सूत्रों का कहना है कि ऐसा उच्च स्तर के निर्देश के पर किया गया है।
इस मामले को लेकर जब "नेशनल दुनिया" ने चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि जो फॉर्मेट दिया गया है, उसमें देख लीजिए मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
सवाल यह उठता है कि अबतक जो लोग तबलीगी जमात से आये हुए लोगों से दूर रह रहे थे और उनके बारे में प्रशासन को जानकारी साझा कर रहे थे। इस नई प्रक्रिया के बाद अब लोगों को पहचान करना मुश्किल होगा कि संदिग्ध उनके आसपास भी हो सकते हैं। इससे एक अनिश्चितता का माहौल भी बनेगा, जो जनता के लिए खतरनाक हो सकता है।
राजस्थान सरकार के द्वारा अपने नए फॉर्मेट में तबलीगी जमात का कॉलम हटाए जाने के बाद जब टेलीविजन पर खबरें प्रसारित हुई और यही खबरें सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हुई तो लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
इस मामले को लेकर सोशल मीडिया (Social Media) पर एक अलग बहस शुरू हो चुकी है लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के आदेश पर ऐसा किया गया है, अथवा चिकित्सा विभाग ने ही अपने स्तर पर निर्णय लिया है?
कुछ सोशल मीडिया (Social Media) यूजर आरोप लगा रहे हैं कि राज्य की कांग्रेस (Congress) सरकार हमेशा की भांति एक बार फिर से मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति अपना रहे हैं?
हालांकि, इसको लेकर कोई अलग से लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है, किंतु जिस तरह से अचानक से तबलीगी जमात के रोगियों का कॉलम हटाया गया है, उससे साबित होता है कि सरकार इस मामले में अपने कदम पीछे खींच रही है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के द्वारा कोरोनावायरस के फैलाव से पहले अपने तमाम राजनीतिक बयानों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ऊपर आरोप लगाने का काम किया जाता रहा है। इसको लेकर भाजपा (BJP) हमेशा अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर हमलावर रही है।