अमेरिकी सरकार ने लोगों को बाहर जाने पर उन्हें मास्क पहनने की सलाह देनी शुरू कर दी है। सरकार ने एक शोध का हवाला देते हुए ये बात कही है, जिसमें बताया गया है कि बाहर खुली हवा में सांस लेने से कोरोना वायरस फैल सकता है। यह सलाह तब आई जब अमेरिका में एक ही दिन में लगभग 1,500 लोगों की मौत हो चुकी है। यह चेतावनी ऐसे समय पर भी आई है जब कोरोना के केंद्र रहे चीन ने बीमारी से मारे गए अपने नागरिकों के लिए राष्ट्रीय शोक दिवस आयोजित किया। पिछले साल के अंत में कोविड -19 के उभरने के बाद से लगभग 1.1 मिलियन लोग अब तक इससे संक्रमित हो चुके हैं जिनमें से अब तक 60,000 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना से यूरोप में सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई है। साथ ही इसका खामियाजा इटली और स्पेन को भुगतना पड़ रहा है। वहीं अमेरिका में लगातार खराब होती स्थिति को देखते हुए डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने मास्क या स्कार्फ पहनने की सलाह दी है, जिससे कि तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को रोकने में मदद मिल सके। उन्होने कहा कि यह वास्तव में एक स्वैच्छिक बात होने जा रही है, जहां आपको ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है और मैं इसे नहीं कर रहा हूं, लेकिन कुछ लोग इसे करना चाहते हैं और यह ठीक है। "नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में संक्रामक रोगों के प्रमुख एंथोनी फौसी ने हालिया जानकारी का हवाला दिया कि यह वायरस वास्तव में सिर्फ खांसने और छींकने से ही नहीं बल्कि संक्रमित व्यक्ति से बात करने से भी फैल सकता है।" विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अधिक सावधानी बरतते हुए कहा कि हवा से संक्रमण फैलने का खतरा केवल कुछ चिकित्सा उपचारों के दौरान ही देखने को मिला है। अमेरिका की सिफारिश से संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में मास्क की पहले से ही भारी कमी के बाद हालात और खराब हो सकते हैं। यूरोप और अमेरिका दोनों ही मास्क के लिए चीन पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं। अमेरिका के सबसे बुरी तरह प्रभावित हिस्से न्यूयॉर्क में अधिकारियों ने कुछ दिन पहले लोगों को मास्क पहनने की सलाह देना शुरू कर दिया था, और सड़कों पर संकेत मिल रहे थे कि सलाह पर ध्यान दिया जा रहा है। 58 वर्षीय हैंडीमैन, एडी मैरेरो ने बताया, "मैं अपनी और अपने परिवार की रक्षा करने की कोशिश कर रहा हूं। अगर हर कोई अपनी रक्षा करता है, तो यह हम सभी के लिए बेहतर है।" अमेरिका में लगभग 277,000 लोग कोरोना से संक्रमित हैं। वहीं 10 में से 9 लोगों के लाकडाउन में अंदर होने के बाद भी वायरस की वृद्धि दर में कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है। मरीजों की भारी संख्या को देखते हुए पूरे देश में कन्वेंशन सेंटर, स्पोर्ट्स एरेना और पार्किंग स्थल पर फील्ड अस्पताल बनाए गए हैं। राज्यों ने मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी की आशंका को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। यह भी पढ़ें : कोरोना के बुरे प्रभाव से उबर चुके चीन ने शनिवार को मृतकों के लिए राष्ट्रीय शोक दिवस आयोजित किया गया। चीन में 3,000 से अधिक लोगों की मौत हुई जहां वायरस पहली बार पिछले साल के अंत में उभरा था। सुबह 10:00 बजे (0200 जीएमटी) कारों, ट्रेनों और जहाजों ने अपने हॉर्न बजाए और हवाई सायरन बजाए गए तो वहीं, कर्मचारियों ने इस दौरान झंडे लहराए। बीजिंग ने कहा है कि यह "शहीदों" के लिए शोक करने का एक दिन है। इस सप्ताह सरकार द्वारा 14 चिकित्साकर्मियों को शहीद के सम्मान से नवाजा गया। जिन्होंने कोरोना प्रकोप से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी। साथ ही कोरोना को लेकर सबसे पहले जानकारी देने वाले आदमी जिसे अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किया गया था, उसे भी सम्मानित किया गया। यूरोप में कोरोना के कारण शुक्रवार को 40,000 मारे गए, स्पेन में 24 घंटे में 900 से अधिक मौतें हुईं। स्पैनियार्ड जेवियर लारा एक भीड़भाड़ वाले आईसीयू में ऑक्सीजन पर रखे जाने के बाद बच गए। यह एक 29 वर्षीय एथलेटिक के लिए बड़ा झटका था, जिसने कभी भी धूम्रपान तक नहीं किया। उन्होंने कहा, "मैं इस बात से घबरा रहा था कि मेरी बेटी संक्रमित हो जाएगी। जब लक्षण दिखने शुरू हुए , तो मैंने कहा कि मैं न तो उसे पकड़ूंगा और न ही उसके पास जाऊंगा," उन्होंने कहा आठ सप्ताह की बच्ची के साथ मौत का सामना करना "उनके जीवन का सबसे खराब पल था।" लेकिन इस महाद्वीप पर हालात और खराब होने के संकेत थे। सबसे मुश्किल में पड़े इटली में 766 लोगों की मौत हुई लेकिन नागरिक सुरक्षा सेवा के अनुसार संक्रमण में केवल चार प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है, जो अब तक की सबसे कम वृद्धि दर है। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा, "यह सच है कि नवीनतम आंकड़े कितने भी ज्यादा हों , लेकिन हमें थोड़ी उम्मीद है, क्योंकि नए संक्रमणों में वृद्धि कुछ दिनों पहले की तुलना में धीमी हुई है." सोशल डिस्टेंसिंग के कारण संक्रमण के प्रसार में कमी आई है. उन्होने कहा कि "अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी" साथ ही उन्होने यह भी कहा कि अभी कड़े नियमों में छूट देने के बारे में सोचना भी जल्दबाजी होगी। हालांकि संघर्ष क्षेत्रों और बड़े शरणार्थी आबादी वाले स्थानों के साथ ही कम विकसित दुनिया के लिए यह बड़ी चेतावनी थी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सीरिया, लीबिया और यमन जैसे देशों का जिक्र करते हुए कहा, "अभी सबसे बुरा आना बाकी है. " "अब कोविड -19 का तूफान इन सभी युद्धरत देशों में आ रहा है। वैश्विक अर्थव्यवस्था को वायरस और संबद्ध लॉकडाउन से बड़ा झटका लगा है। वहीं अमेरिका में इसके कारण लाखों लोगों के द्वारा बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया जा रहा है। वित्तीय रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने अनुमान लगाया है कि अमेरिका और यूरोजोन ( US and Eurozone) की अर्थव्यवस्थाओं में इस तिमाही 30 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है और एशियन डेवलपमेंट बैंक ने चेतावनी दी है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को $ 4.1 ट्रिलियन का नुकसान हो सकता है जो कि दुनिया भर के उत्पादन के पांच प्रतिशत के बराबर है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, लैटिन अमेरिका जीडीपी में 1.8 से 4.0 प्रतिशत की अपेक्षित गिरावट के साथ बड़ी आर्थिक मंदी की ओर बढ़ रहा है। यह भी पढ़ें :