किसी भी तकलीफ की स्थिति में चिकित्सक के पास जाते हैं तो वे सबसे पहले लक्षण देखते हैं, कुछ टेस्ट करवाते हैं व फिर उस हिसाब से उपचार करते हैं. लेकिन यदि टेस्ट की रिपोर्ट सटीक न हो तो चिकित्सक भी गुमराह होने कि सम्भावना है. इसलिए चिकित्सक से मिलने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि इससे लक्षणों व टेस्ट रिपोर्ट में अंतर आ सकता है. इसलिए चिकित्सक के मिलने से पहले इन 7 बातों का ध्यान रखें.
त्वचा विशेषज्ञ से मिलने से पहले मेनिक्योर-पेडिक्योर न करें स्कीन विशेषज्ञ 3,000 से अधिक बीमारियों का उपचार करते हैं. एग्जामिनेशन के दौरान, चिकित्सक को न केवल स्कीन बल्कि नाखूनों की भी जाँच करनी होती है. कई फंगल संक्रमण आमतौर पर वहां स्थित होते हैं. चिकित्सक के लिए मरीज के नाखूनों की प्राकृतिक स्थिति को देखना बहुत जरूरी है. इसके अलावा, नाखूनों में कोई भी बदलाव अन्य अंगों के रोगों का इशारा होने कि सम्भावना है, इसलिए उन्हें पर्याप्त ध्यान देने की प्रयास करें.कोलेस्ट्रॉल टेस्ट से पहले शराब न पिएं इस तथ्य के बावजूद कि बीयर कोलेस्ट्रॉल फ्री हैं, उनमें बहुत अधिक चीनी के साथ-साथ कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल की तेज उछाल का कारण बन सकते हैं. जल्द ही कोलेस्ट्रॉल का स्तर सामान्य हो जाएगा, लेकिन चिकित्सक को इससे गलत नतीजे मिलेंगे.यूरिन टेस्ट से पहले प्यासे न रहें www.myupchar.com से जुड़ीं डाक्टर मेधावी अग्रवाल का बोलना है कि टेस्ट करवाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि खूब मात्रा में पानी पी रहे हैं, ताकि पर्याप्त मात्रा में सैंपल दे सकें. यूरिन टेस्ट के लिए खाना-पीना छोड़ने या किसी प्रकार का परिवर्तन करने की आवश्यकता नहीं होती है. इंसान का यूरिन 99 फीसदी पानी व केवल 1 फीसदी एसिड, अमोनिया, हार्मोन, मृत रक्त कोशिकाओं, प्रोटीन, व अन्य पदार्थ हैं, जो अनुसंधान के लिए प्रयोग किए जाते हैं. इसमें कॉन्सन्ट्रेशन बहुत कम है. इसलिए यदि 100 मिलीलीटर यूरिन देते हैं, तो इसका लगभग 1 मिलीलीटर एनालिसिस के लिए उपयुक्त है.मैमोग्राम से पहले डियोड्रेंट का प्रयोग न करें मैमोग्राफी या मैमोग्राम टेस्ट स्तनों का एक्स-रे होता है. यह ब्रेस्ट कैंसर की पहचान का उपाय है. एक मैमोग्राम से पहले डियोड्रेंट के प्रयोग पर प्रतिबंध इसकी संरचना से संबंधित है, क्योंकि इसमें छोटे मैटेलिक सब्सटेंस होते हैं. प्रक्रिया के दौरान, कैल्सीफिकेशन में गलती संभव है जो कैंसर के विकास का इशारा है. इससे परिणाम गलत आएंगे.कॉलोनोस्कोपी से पहले रेड फूड न खाएं www.myupchar.com से जुड़े डाक्टर आयुष पांडे का बोलना है कि कोलोनोस्कोपी एक ऐसा टेस्ट है, जिसका प्रयोग बड़ी आंत या गुदा में किसी प्रकार की खराबी या असामान्यताओं का पता लगाने के लिए किया जाता है. प्राकृतिक रूप से लाल रंग वाले भोजन कोलोन को रंग सकता है व अध्ययन के परिणाम को प्रभावित कर सकता है. कोलोनोस्कोपी में एक हफ्ते पहले बीट्स, क्रैनबेरी, रेड कैंडी, रेड फ्रॉस्टिंग, टमाटर व टमैटो सॉस को अवॉइड करें. इसका मतलब यह नहीं है कि चिकित्सक के पास जाने से पहले एक अलग रंग के खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है. चिकित्सा प्रक्रिया से एक दिन पहले, केवल तरल खाद्य पदार्थ खाने चाहिए.ब्लड प्रेशर टेस्ट कराने से पहले नमकीन खाना न खाएं अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन रोजाना 2,300 मिलीग्राम से अधिक नमक का सेवन नहीं करने की सलाह देता है. अन्य हानिकारक प्रभावों के बीच, यह ब्लड प्रेशर में बढ़ोतरी करता है. इसलिए टेस्ट से पहले फास्ट फूड, नट्स, बीन्स, या ऐसे अन्य फूड्स नहीं खाने चाहिए, जिनमें बहुत अधिक नमक होता है.ब्लड टेस्ट कराने से पहले दवा न लें टेस्ट से कुछ दिन पहले अधिक सटीक परिणाम के लिए दवाएं नहीं लेनी चाहिए ताकि ब्लड को किसी भी बाहरी कारकों द्वारा प्रभावित व शुद्ध करने का समय न हो. प्रतिदिन ली जाने वाली दवाईयों को लेकर आमतौर पर चिकित्सक ब्लड देने से पहले प्रातः काल नहीं लेने के लिए कहते हैं व फिर टेस्ट के बाद लेने की सलाह देते हैं. लेकिन प्रत्येक विशेष मुद्दे में, विशेषज्ञ के साथ इस मामले पर चर्चा करना बेहतर है.