संवाद सूत्र, पुरैनी (मधेपुरा)। मधेपुरा के पुरैनी क्षेत्र स्थित एक गांव में दुष्कर्म का विरोध करने पर दरिंदों ने युवती की गला दबाकर हत्या कर दी। उसका शव गांव के बहियार स्थित मकई के खेत में फेंक दिया। युवती अपने पिता को खाना देने जा रही थी, तभी आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया।
युवती शुक्रवार को जब रोज की तरह खाना लेकर नहीं पहुंची तो पिता को चिंता हुई। वह बेटी को देखने के लिए घर जाने लगे। इसी दौरान उन्होंने अपनी बेटी का शॉल मक्का खेत के किनारे पड़ा हुआ देखा। यह देख अनहोनी की आशंका हुई। इसके बाद वे अपने बेटी को मक्का के खेत में इधर-उधर खोजने लगे। थोड़ी ही दूरी पर उन्हें बेटी की चप्पल दिखाई दी।
पिता ने मक्के के खेत में थोड़ा आगे बढ़ने पर देखा कि उनकी बेटी मृत पड़ी हुई है। पिता के हल्ला किए जाने पर बहियार में काम करने वाले लोग उस ओर दौड़कर आए। युवती को मृत में देख सभी भौंचक्के रह गए। घटनास्थल पर तरह-तरह की चर्चा होने लगी।
इधर, पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश एडीजे विनयशंकर ने शुक्रवार को नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में एक आरोपी को 30 साल की सश्रम कारावास और 65 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। सजायाफ्ता लालबाबू परमहंस सदर थाना के मब्बी ओपी क्षेत्र के एक गांव का निवासी है। वह एक निजी विद्यालय में शिक्षक था।
कोर्ट ने भादवि की धारा 376(3) में क्रमशः 30 साल का सश्रम कारावास और 30 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 506 में एक साल का कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड और पाक्सो एक्ट की धारा छह में 30 वर्ष सश्रम कारावास और 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अर्थदंड नहीं चुकाने पर क्रमशः छह माह, एक माह और छह माह अर्थात 13 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। दोषी पांच सितंबर 2019 से ही जेल में बंद है। वहीं, अदालत ने पीड़िता को बिहार पीड़ित प्रतिकर योजना से उसके पुनर्वास के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से चार लाख रुपये भुगतान करने का निर्णय पारित किया है।