आदर्श केंद्र से बच्चों के संपूर्ण टीकाकरण में आई तेजी
जागरण संवाददाता, आरा: पांच वर्ष तक के बच्चों के संपूर्ण टीकाकरण के लिए सदर अस्पताल का आदर्श टीकाकरण केंद्र वास्तव में सबसे बेहतर विकल्प है। निजी टीकाकरण केंद्रों में जहां टीके के लिए कई गुना महंगा शुल्क चुकाना पड़ता है, वहीं सदर अस्पताल के आदर्श टीकाकरण केंद्र में सभी सुविधाएं निश्शुल्क उपलब्ध हैं और बच्चों के टीकाकरण में इससे तेजी आई है।
आधुनिक सुविधाओं से लैस इस टीकाकरण केंद्र का उद्घाटन साल भर पहले तीन अगस्त 2021 को तत्कालीन जिलाधिकारी रोशन कुशवाह ने किया था। इस आदर्श टीकाकरण केंद्र में पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए वांछित सभी टीके दिए जाते हैं। इस केंद्र के सभी कक्ष पूरी तरह से वातानुकूलित हैं। तीन कमरों के आदर्श टीकाकरण केंद्र में वेटिंग हाल, निबंधन काउंटर और टीकाकरण कक्ष अलग से बनाया गया है। इससे पहले पांच वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण लेबर वार्ड में होता था, जहां प्रसव संबंधी कार्यों की व्यस्तता और संख्या के अनुरूप स्थान कम होने के कारण टीकाकरण कार्य सही ढंग से नहीं हो पाता था।
कन्या शिशु के संपूर्ण टीकाकरण पर माताओं को दी जाती है दो हजार की प्रोत्साहन राशि
कन्या शिशु मृत्यु दर कम करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का भी संचालन किया जा रहा है। जिसमें अभिभावकों को दो वर्ष तक की आयु की कन्या शिशु का टीकाकरण कराने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से माताओं के खाते में 2000 रुपये प्रोत्साहन राशि भेजी जाती है। कोरोना काल हो या अनलाक दोनों स्थिति में जिले में नियमित चलने वाली स्वास्थ्य सेवाएं लगातार जारी हैं।
12 गंभीर बीमारियों से बच्चों को बचाता है संपूर्ण टीकाकरण
संपूर्ण टीकाकरण बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रखता है। 24 माह के अंदर शिशुओं का संपूर्ण टीकाकरण नहीं कराने पर बीमारियों की संभावना प्रबल हो जाती है। यदि बच्चे का समय पर संपूर्ण टीकाकरण करवा लिया जाए तो इससे गलघोटू, काली खांसी, टीबी, पोलियो, खसरा, पीलिया, निमोनिया, दिमागी बुखार आदि जानलेवा बीमारियों से बच्चे को बचाया जा सकता है। न्यूमोकोकल टीका (पीसीवी) निमोनिया, सेप्टिसीमिया, मैनिंजाइटिस या दिमागी बुखार आदि से बचाव करता है।
कहते हैं जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि 24 माह के अंदर बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण उन्हें 12 जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। इससे बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। उन्होंने बताया कि टीकों के साथ शिशुओं के आहार पर भी ध्यान देना चाहिए।