शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा

औरंगाबाद। शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन सोमवार को मां चंद्रघंटा का पूजन जिला से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक किया गया। नवरात्र को लेकर पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है। लोग अपने घरों में कलश स्थापना कर मां की आराधना में लीन हैं। नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि के दौरान मां के नौ रुपों की पूजा की जाती है। मां का तीसरा रुप राक्षसों का वध करने के लिए जाना जाता है। विद्वानों का मानना है कि मां चंद्रघंटा का रुप परम कल्याणकारी और शांतिदायक है। उनके मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चांद मौजूद है। इसकी कारण उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। गले में सफेद फूलों की माला धारण किये देवी दुर्गा की शक्ति का ये रुप बाघ पर सवार रहती है। ऐसा माना जाता है कि देवी श्रद्धालुओं की भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें अलौकिक ज्ञान प्रदान करती है। भय से मुक्ति दिलाने में भी मां चंद्रघंटा की उपासना लाभप्रद मानी गई है। बता दें कि कोरोना के कारण इस बार पंडाल नहीं बन सका परंतु श्रद्धालुओं के द्वारा मां देवी की मंदिरों को बेहतर तरीके से सजाया जा रहा है। कर्मा रोड बिजली ऑफिस स्थित मां दुर्गा की मंदिरों को लाइटिग से बेहतर तरीके से सजाया गया है। यह देखने में काफी आकर्षक लग रहा है। आज मंगलवार को मां दुर्गा का चौथा रुप कुष्मांडा के रूप में पूजा की जाएगी। इस दिन मालपुआ का भोल लगाना चाहिए और दान देना चाहिए।


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