नई दिल्ली, 26 जून (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यस बैंक से जुड़े धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में डीएचएफएल के प्रवर्तकों (प्रमोटर) धीरज वधावन और कपिल वधावन की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है।न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की पीठ के सामने वधावन बंधुओं की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि वह याचिका में किए गए अनुरोध के लिए अदालत पर जोर नहीं दे रहे हैं। इसके बाद पीठ ने इनकी याचिका खारिज कर दी।
इससे पहले बम्बई हाईकोर्ट ने वधावन बंधुओं की अग्रिम जमानत पर विचार करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया। ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष दलील दी कि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनकी गिरफ्तारी से पहले की जमानत का अब कोई औचित्य नहीं है। इसके बाद शीर्ष अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी से पहले जमानत के लिए उनकी दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि साजिश को उजागर करने के लिए उनसे पूछताछ आवश्यक है। यह देखा गया कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे और ईडी ने पूछताछ करने के लिए उनकी उपस्थिति के लिए कई सम्मन जारी किए थे। हालांकि वधावन ने सम्मन का जवाब तो दिया, मगर वे ईडी के सामने पेश नहीं हुए।
वधावन को यस बैंक घोटाले के सिलसिले में एक अन्य मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया था। वहीं ईडी अलग से बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा घोटाले वाली दागी डीएचएफएल से जुड़ी एक कंपनी द्वारा नियंत्रित 600 करोड़ रुपये के भुगतान के आरोपों की जांच कर रहा है।
वधावन बंधुओं को अप्रैल में यस बैंक घोटाले के सिलसिले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसियां कपूर के परिवार और डीएचएफएल के वधावन के बीच लेन-देन की भी जांच कर रही हैं।
-आईएएनएस