गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 मरीजों में कोरोना वायरस के प्रति रोग प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का आकलन कर, वैज्ञानिकों ने छह अणुओं के अनोखे पैटर्न की पहचान है जिसका इस्तेमाल बीमारी के लिए चिकित्सीय लक्ष्यों (जीव में मौजूद ऐसी जगह जहां दवा या पदार्थ सीधे पहुंचाया जा सके) के रूप में किया जा सकता है।
ब्रिटेन के लॉसन स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान के अनुसंधानकर्ताओं ने लंदन हेल्थ साइंसेज सेंटर (एलएचएससी) में भर्ती गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 मरीजों के रक्त नमूनों का आकलन किया। आकलन के आधार पर वैज्ञानिकों ने आईसीयू में भर्ती कोविड-19 के मरीजों के खून में छह शीर्ष अणु पाए जो मरीजों को उन लोगों से अलग करते हैं जिनको यह बीमारी नहीं है।
कई मरीजों का रोग प्रतिरक्षा तंत्र वायरस के खिलाफ अत्यधिक प्रतिक्रिया देता है
वैज्ञानिकों के मुताबिक, कुछ कोविड-19 मरीजों का रोग प्रतिरक्षा तंत्र वायरस के खिलाफ अत्यधिक प्रतिक्रिया देता है और 'साइटोकिन तूफान' (एक गंभीर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया जिसमें शरीर बहुत जल्दी खून में बहुत अधिक मात्रा में साइटोकिन छोड़ता है) उत्पन्न होता है जिसमें शरीर के प्राकृतिक सूजन संबंधी अणु का बढ़ा हुआ स्तर स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।
अध्ययन के सह लेखक लॉसन और वेस्टर्न शूलिक स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड डेंटिस्ट्री के डोगलस फ्रेजर ने कहा, 'चिकित्सक इस अत्यधिक सूजन को कम करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इस साक्ष्य के बिना, कि किसे लक्षित करना है।'
वैज्ञानिकों ने 30 मरीजों का आकलन किया
फ्रेजर ने कहा, 'हमारा अध्ययन पहली बार संभावित चिकित्सीय लक्ष्यों की पहचान कर, अनुमान लगाने का काम बंद करता है।' इस अनुसंधान में वैज्ञानिकों ने 30 मरीजों का आकलन किया जिसमें 10 कोविड-19 मरीज, 10 अन्य संक्रमण के मरीज और 10 स्वस्थ प्रतिभागी शामिल थे।
रक्त के नमूनों की जांच में उन्होंने पाया कि आईसीयू में भर्ती कोविड-19 के मरीजों में छह उत्तेजक अणु ऐसे थे जिनका स्तर विशेष ढंग से बढ़ा हुआ था। यह अध्ययन 'क्रिटिकल केयर एक्सप्लोरेशन' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
कोरोना से करीब 5 लाख लोगों के मौत
कोरोना वायरस से दुनियाभर में अब तक 9,738,374 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 492,390 लोगों की मौत हो गई है। संक्रमितों की संख्या के मामले में भारत चौथे स्थान पर पहुंच गया है। यहां 491,992 लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं और 15,319 लोगों की मौत हो चुकी है।