मंत्रिमडल ने 15000 करोड़ रुपये की पशुपालन अवसंरचना विकास निधि को मंजूरी दी

नई दिल्ली 24 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमडल ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत पशुपालन को प्रोत्साहन देने के मकसद से 15000 करोड़ रुपये की पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) बनाने को बुधवार को मंजूरी दे दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना महामारी के मौजूदा संकट काल में कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए, जिनमें पशुपालन के क्षेत्र मंे बुनियादी ढांचागत विकास के लिए 15000 करोड़ रुपये की राशि से एएचआईडीएफ के गठन को भी मंजूरी दे दी गई।
मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जब 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज (आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित पैकेज) की घोषणा की थी तब मत्स्यपालन, पशुपालन, एवं डेयरी को 53000 करोड़ रुपये की राशि दी गई थी। उन्होंने कहा कि यह इन्फ्रास्ट्रक्च र बनाने का फंड है। उन्होंने कहा कि उद्यमी को तीन फीसदी इंटेरेस्ट सब्वेंशन (ब्याज छूट) दी जाएगी और उद्यमी को इस स्कीम के तहत बुनियादी विकास पर सिर्फ 10 फीसदी खर्च खुद करना होगा, बाकी 90 फीसदी उनको बैंक से कर्ज मिल जाएगा।
मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार, सरकार आकांक्षी जिलों के पात्र लाभार्थियों को चार फीसदी इंटेरेस्ट सब्वेंशन देगी जबकि अन्य जिलों के लाभार्थियों को तीन फीसदी। स्कीम के तहत कर्ज का भुगतान करने के लिए दो साल तक की छूट होगी, जबकि कर्ज की भुगतान की अवधि उसके बाद छह साल तक होगी। इसके अलावा सरकार नाबार्ड के प्रबंधन में 750 करोड़ रुपये का क्रेडिट गारंटी फंड भी बनाएगी। जिससे एमएसएमई के तहत आने वाली परियोजनाओं के लिए कर्ज की गारंटी मिलेगी, जोकि कर्ज लेने वालों की कर्ज की सुविधा का 25 फीसदी तक होगी।
इस निधि से डेयरी मीट प्रोसेसिंग और पशुचारा संयंत्र जैसे बुनियादी ढांचे तैयार करने के लिए पात्र व्यक्ति को बैंकों से 90 फीसदी तक कर्च मिल सकता है। स्कीम का लाभ व्यक्ति, किसान उत्पादक संगठन यानी एफपीओ, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम क्षेत्र की कंपनियां आदि उठा सकती हैं।
केंद्र सरकार ने इससे पहले सहकारी क्षेत्र के माध्यम से डेयरी क्षेत्र के बुनियादी विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये के डेयरी इन्फ्रास्ट्रक्च र फंड को मंजूरी प्रदान की थी।
- आईएएनएस

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