भ्रम : योग शरीर को उल्टा-सीधा कर व्यायाम करना है? सच : शरीर की शुद्धि के लिए योगासन, मन की शुद्धि के लिए प्राणायाम व आत्मा को शुद्ध करने के लिए ध्यान किया जाता है.
जब ये तीनों शुद्ध हो जाते हैं तो हम योग के मार्ग पर चलते हुए निरोगी होने लगते हैं. योगासन करने का मतलब विभिन्न शारीरिक मुद्राओं के माध्यम से आनंद की अनुभूति करना है. भ्रम : शीशे के सामने योग करना गलत है क्योंकि इससे ऊर्जा नष्ट होती है? सच : यह महज भ्रम है. जब आप शीशे में देखकर योगाभ्यास करते हैं तो इससे आपको अपनी गलतियों के बारे में पता चलता है. साथ ही पोश्चर (मुद्रा) में सुधार होता है. भ्रम : योग के दौरान पसीना कम निकलता है इसलिए फौरन बाद नहा सकते हैं? सच : योग के दौरान शरीर में ऊष्मा उत्पन्न होती है. फौरन बाद नहाने से वह धीमी पड़ जाती है इसलिए 10-15 मिनट बाद ही नहाना चाहिए. योगासन करने से पहले नहाना उचित होता है क्योंकि इससे शरीर के रोमछिद्र खुल जाते हैं व आसन करने में सरलता होती है. साथ ही ताजगी बनी रहती है जिससे आलस नहीं आता. भ्रम : योग और प्राणायाम से सिर्फ तनाव दूर होता है? सच : इनसे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक फायदा होता है. तनाव के अतिरिक्त अन्य कई फायदा जैसे एनर्जी लेवल में इजाफा, रक्तसंचार में सुधार होकर मांसपेशियां मजबूत बनती हैं और शरीर लचीला होता है. भ्रम : योग का खानपान से कोई संबंध नहीं होता? सच : ऐसा नहीं है. खाना खाने के दौरान भोजन को पचाने के लिए शरीर ऊर्जा का निर्माण करता है. लेकिन यदि इसके फौरन बाद ही हम योगासन करने लगेंगे तो इससे वह ऊर्जा योग को करने में तब्दील हो जाएगी. इसलिए जहां तक संभव हो सके खाली पेट योगासन करें. भोजन करने के चार घंटे बाद व फल या तरल खाद्य पदार्थ आदि लेने के एक घंटे बाद ही योगासन करना उचित रहता है. योग एक्सपर्ट : ढाकाराम, जयपुर