नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए हम में से तकरीबन हर किसी ने सैनिटाइजर को अपने डेलीरुटीन का हिस्सा बना लिया है। वायरस और बैक्टीरिया से बचने के लिए सैनिटाइजर बहुत ही आसान विकल्प है। लेकिन इसका अधिक इस्तेमाल करना नुकसानदेह भी हो सकता है। हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल से अच्छे बैक्टीरिया भी नष्ट हो जाते हैं, जो हमारे शरीर और त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। हर छोटी-छोटी चीज में हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने से हमारे स्किन पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। आइए जानते हैं 5 ऐसी स्थितियों के बारे में, जहां आपको आपको हैंड सैनिटाइजर प्रयोग करने की जरूरत एकदम नहीं है।
अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार, कीटाणुओं से छुटकारा पाने के लिए साबुन और पानी से हाथ धोना बहुत कारगर तरीका है। कम से कम 20 सेकेंड तक साबुन और पानी से हाथ धोना चाहिए। सैनिटाइजर के बदले साबुन के उपयोग को प्राथमिकता देनी चाहिए। हाथों की गंदगी हटाने के लिए साबुन और पानी का इस्तेमाल करें। गंदगी को हटाने में सैनिटाइजर का प्रयोग प्रभावी नहीं है। अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर आपके हाथों से गंदगी को दूर नहीं करते हैं और अगर आपके हाथ गंदे हैं तो वायरस और बैक्टीरिया को मारने में भी ये कम प्रभावी हैं। अगर आपके बगल में व्यक्ति छींकता है तो हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना बेकार है। हालांकि, इसके इस्तेमाल से कोई खास फायदा भी नहीं होगा। आपके पास अगर कोई खांसता या छींकता है तो सांस लेते समय आप हवा की बूंदों से संक्रमण को पकड़ सकते हैं। बेहतर होगा कि आप छींकने वाले व्यक्ति से दूरी बना लें और बाहर जाते हुए मास्क पहनें और उसके बाद अपने हाथों को साफ कर लें।
कई लोग बिना किसी चीजो को छुए ही बार-बार अपने हाथों को सैनिटाइज करते हैं एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि हैंड सैनिटाइजर के ज्यादा इस्तेमाल से प्रतिरोधी बैक्टीरिया पैदा हो सकते हैं। हम जितना ज्यादा हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं, उतने ही कीटाणु अल्कोहल के प्रति सहनशील बनते जाते हैं। ऐसे में बढ़िया ये होगा कि, जब जरूरत हो तभी सैनिटाइजर का उपयोग करें। हाथों पर सैनिटाइजर के ज्यादा इस्तेमाल से त्वचा में जलन होने लगती है और हाथ शुष्क हो जाते हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, हैंड सैनिटाइजर लगाने का सही तरीका यह है कि इसे हाथों पर लगभग 20 सेकंड तक दोनों हाथों से रगड़ें, जब तक कि हाथ सूख न जाएं।