अकबर तैमूरी वंशावली के मुगल वंश का तीसरा शासक था। अकबर को अकबर-ऐ-आज़म (अर्थात अकबर महान), शहंशाह अकबर, महाबली शहंशाह के नाम से भी जाना जाता है। सम्राट अकबर मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का पौत्र और नासिरुद्दीन हुमायूं एवं हमीदा बानो का पुत्र था। बाबर का वंश तैमूर और मंगोल नेता चंगेज खां से संबंधित था अर्थात उसके वंशज तैमूर लंग के खानदान से थे और मातृपक्ष का संबंध चंगेज खां से था। अकबर के शासन के अंत तक 1605 में मुगल साम्राज्य में उत्तरी और मध्य भारत के अधिकाश भाग सम्मिलित थे और उस समय के सर्वाधिक शक्तिशाली साम्राज्यों में से एक था। बादशाहों में अकबर ही एक ऐसा बादशाह था | दोस्तों बात उस समय की है जब एक बार राजा अकबर अजमेर जा रहे थे, तब रास्ते में वहां पर आमेर के किले के पास अपना शिविर लगाकर रुक गए, तभी शाम को सम्राट अकबर भेष बदलकर आमेर के किले में घूमने के लिए निकले तब उनकी नजर भारमल की पुत्री हरकू बाई पर पड़ी, जो दिखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत और आकर्षक थी और राजा अकबर उस खूबसूरत स्त्री की सुंदरता को देखकर उस पर मोहित हो गया। उसके बाद राजा अकबर ने आमेर के राजा भारमल के पास संदेश भिजवाया कि वह उसकी पुत्री हरखू बाई के साथ शादी करना चाहता है। राजा भारमल संदेश पाकर बहुत ही ज्यादा क्रोधित हो गया और उसने राजा अकबर के संदेश को ठुकरा दिया। उसके बाद राजा अकबर ने भारमल को सीधे उसके राज्य पर आक्रमण करने की धमकी दी। तब राजा भारमल अकबर की सेना को देखकर घबरा गया और अपनी पुत्री हरकु बाई का विवाह मुगल सम्राट अकबर के साथ करने का निश्चय किया।