इस कंपनी ने किया कोरोना वायरस के बनाने के दावा, पढ़े

हिंदुस्तान की प्रमुख दवा कंपनी सिप्ला लिमिटेड ने रेमडेसिविर के जेनेरिक संस्करण 'सिप्रेमी' की पेशकश की है, जिसे अमेरिकी दवा नियामक यूएसएफडीए ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीजों को इमरजेंसी स्थिति में देने की स्वीकृति दी है।

यूएसएफडीए ने कोविड-19 के मरीजों का उपचार करने के लिए गिलियड साइंसेज को रेमडेसिविर के इमरजेंसी प्रयोग के लिए इमरजेंसी उपयोग अनुमोदन (ईयूए) दिया है।
रेमडेसिविर एक मात्र दवा है, जिसे यूएसएफडीए ने COVID-19 के मरीजों के उपचार के लिए इमरजेंसी उपयोग की स्वीकृति दी है।
गिलियड साइंसेज ने मई में सिप्ला के साथ रेमडेसिविर के विनिर्माण व विपणन के लिए एक गैर-विशेष लाइसेंस समझौता किया था।
सिप्ला ने बोला कि उसे भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआई) से इस दवा के इमरजेंसी स्थिति में सीमित उपयोग की अनुमति मिल गई है।
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कंपनी ने एक बयान में बताया, 'जोखिम प्रबंधन योजना के तहत सिप्ला दवा के प्रयोग का प्रशिक्षण देगी व मरीज की सहमति के दस्तावेजों की जाँच करेगी तथा विपणन के बाद पूरी निगरानी रखने के साथ ही भारतीय मरीजों पर चौथे चरण का चिकित्सकीय परीक्षण भी करेगी। '
कंपनी ने बोला कि इस दवा की आपूर्ति सरकार व खुले मार्केट के जरिए की जाएगी।
इस दवा की पेशकश पर सिप्ला लिमिटेड के प्रबंध निदेशक वैश्विक सीईओ उमंग वोहरा ने कहा, 'सिप्ला गिलियड के साथ हिंदुस्तान में मरीजों के इलाज के लिए मजबूत साझेदारी की सराहना करती है। हमने कोविड-19 महामारी से प्रभावित लाखों लोगों की जान बचाने के लिए सभी संभावित उपायों की तलाश में बहुत ज्यादा निवेश किया है व यह पेशकश उस दिशा में एक जरूरी कदम है। '

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