अधिकतर बीमारियों की वजह बेली यानी बिसरल फैट है. जानते हैं कि इनको किन आसनों से घटाया जा सकता है. त्रिकोणासन
इसके एक्सरसाइज से गर्दन, पीठ, कमर व पैरों की नसों में मजबूती आती है. पेट की चर्बी कम होती, फैट की चर्बी घटता है. शरीर का संतुलन बनता है. पेट से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है. जोड़ों में दर्द है तो उसमें आराम मिलता है. सावधानी : कमर, गर्दन, सिर व पीठ में दर्द, स्लिप डिस्क, हाई व लो ब्लड प्रेशर के मरीज इसे न करें. भुजंगासन कमर को चर्बी घटती है. शरीर सुडौल बनता, सीना चौड़ा होता है. कम आयु के बच्चे करते हैं तो उनकी हाइट बढ़ती है. इससे थकान की समस्या दूर होती है. सुंदरता बढ़ती है व चेहरे पर चमक आती है. सावधानी : हार्निया, पेट में अल्सर, मेरूदंड के रोगी व गर्भवती स्त्रियों को इसे नहीं करना चाहिए. पश्चिमोत्तानासन बेली फैट को करने के लिए यह बहुत ज्यादा अच्छा आसन है. पेट की चर्बी के साथ यह पाचन क्रिया को भी अच्छा रखता है. इसके नियमित करने से हड्डियों को लचीला बनाती हैं. सिर व जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलता है. सावधानी : पीठ के निचले हिस्से में दर्द या चोट लगी है तो यह आसन न करें. समस्या बढ़ सकती है. दमा या दस्त के रोगी को भी इसका एक्सरसाइज न करें. पवनमुक्तासन शरीर मजबूत होता है. पेट में भारीपन व कब्ज से निजात मिलता है. रीढ़ की हड्डी मजबूती व लचीली बनाती है. पेट की चर्बी घटती है. साथ ही ब्लड सर्कूलेशन भी सामान्य रहता है. सावधानी : कमर, गर्दन व घुटनों में दर्द के रोगी न करें. गर्भवती महिलाएं व जिन्हें पेट में अल्सर की समस्या है उन्हें नहीं करना चाहिए.