मिट्टी के घड़े में रखा पानी हर मौसम में पी सकते हैं लेकिन सर्दी-बरसात में ज्यादा समय से रखा पानी पीने से बचाना चाहिए. मिट्टी के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर में हार्मोनल बैलेंस ठीक रहता है जबकि प्लास्टिक की बोतल में पानी पीते रहने से इसका असंतुलन होता व बीमारियां बढ़ती हैं.
मिट्टी में एल्काइन उपस्थित होते हैं जो पानी का पीएच बैलेंस करते हैं. शरीर का मेटोबॉलिज्म ठीक रहता व लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है. मिट्टी के बर्तन में पानी हर मौसम में पी सकते हैं. एसिडिटी में राहत मिलती मटके का पानी पीने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्युनिटी बढ़ती है. एसिडिटी व पेट दर्द से भी राहत मिलती है. फ्रिज का ठंडा पानी पीने से गले की कोशिकाओं का तापमान आकस्मित गिरने के कारण गला बेकार होने कि सम्भावना है जबकि मटके का पानी गले को नुकसान नहीं पहुंचाता है. घड़े की सफाई का ध्यान रखना चाहिए.