बच्चों को जन्म के बाद पीलिया की शिकायत देखने में आती है. इसमें जो सामान्य पीलिया होता है उसे फिजियोलॉजिकल
जॉन्डिस कहते हैं. दूसरे तरह का पीलिया गंभीर होता है. इसके लक्षणों पर ध्यान देने व तुरंत चिकित्सक की सलाह लेने की आवश्यकता होती है. शिशु को पानी कब पिलाना चाहिए : कुदरत ने मां के दूध के रूप में संपूर्ण आहार शिशु के लिए बनाया है. सामान्य परिस्थितियों में छह माह तक उसे सिर्फ स्तनपान ही कराना चाहिए. इसके अतिरिक्त शिशु को कोई भी दूसरी चीजें नहीं देनी चाहिए. इस अवधि तक बच्चों को न तो घुट्टी दें व न ही शहद व ग्राइप वाटर ही दें. इसके बाद सेमी सॉलिड चीजें दे सकते हैं. ऐसे पहचानें लक्षण 1- यदि जन्म के 24 घंटे में बच्चे को पीलिया हो रहा है तो नॉर्मल नहीं माना जाता है. 2- यदि पीलिया का प्रभाव शिशु की जांघों से नीचे पैरों या तलवों तक आ रहा है तो चिंता की बात होती है. 3- यदि जन्म के 15 दिन तक पीलिया बना हुआ है तो यह सामान्य नहीं है. महत्वपूर्ण जांचें और पूर्ण उपचार कराना चाहिए.