अपनी सेहत का रखना हैं ख्याल तो इन टिप्स को करे फॉलो

दिनचर्या को तीन भागों में बांटें (FOLLOW HEALTHY ROUTINE) सेहतमंद रहने के लिए सबसे पहले अपने डेली रुटीन को 8-8 घंटे के हिसाब से तीन हिस्सों में बांट लें. इसमें मुख्य रूप से 8 घंटे सोने के लिए जरूर रखें.

नींद हमारी स्वास्थ्य के लिए वो सबसे महत्वपूर्ण वस्तु है जिसकी अक्सर हम अनदेखी करते हैं. नींद भी रात की महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि रात में पर्याप्त नींद नहीं लेंगे तो अगला दिन आलस्य या ऊंघते हुए ही बीतेगा. थकान भी रहेगी जिससे किसी भी कार्य वांछित नतीजा नहीं मिल सकेगा. इसी तरह 8 घंटे अपने कामकाज के लिए रखें व बचे हुए 8 घंटे अन्य कार्यों के लिए रख सकते हैं जिसमें सामाजिक सरोकार, मिलना-जुलना, मनोरंजन, खानपान आदि डेली रुटीन की तमाम चीजें आ जाती हैं.
8 घंटे की नींद से होगा शरीर में यह परिवर्तन (8 HOUR HEALTHY SLEEEP) लोग पूछते हैं कि अधिकांश चिकित्सक रात में 8 घंटे की नींद को महत्वपूर्ण क्यों बताते हैं? दरअसल होता यह है कि जब आप सोते हैं तो उससे दिमाग को शांति मिलती है. दिनभर में आपने जो कुछ भी सोचा या योजना बनाई तो आखिर में वे सारे कमांड पहुंचे तो आपके मस्तिष्क में ही. उन्हें व्यवस्थित करने में दिमाग की ऊर्जा खर्च हुई व वह भी थकान महसूस करने लगा होगा. रात में 8 घंटे की नींद से दिमाग को भी रिकवरी में मदद मिलती है. दिमाग की कोशिकाओं को नयी ऊर्जा मिलती है. इसके लिए शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक का भी ध्यान रखें यानी यदि आप रोज रात दस बजे सोते हैं व प्रातः काल छह बजे उठते हैं तो हर दिन इसी समय सोने और जागने की प्रयास करें. ऐसा नहीं हो कि सर्दी में आलस्य करके एक घंटे लेट उठें. कभी-कभी किसी इमरजेंसी या परिस्थितिवश समय पर सोना-उठना न हो तो नींद की कमी को दिन में थोड़ा सुस्ताकर पूरा किया जा सकता है.
8 घंटे कामकाज के लिए लेकिन खाने का समय फिक्स करें (HEALTHY ROUTINE) खानपान का समय रात की पारी में कार्य करने वालों के लिए तय करना थोड़ा कठिन होता है लेकिन हमारी बॉडी क्लॉक इसे भी एडजस्ट कर लेती है. यदि प्रातः काल आठ बजे आपकी शिफ्ट समाप्त हुई है तो 10 बजे तक अपने रुटीन के कार्य निपटाकर दोपहर 2 बजे तक सो सकते हैं. यदि थकान या अधूरी नींद लगे तो बाद में दो घंटे व सो सकते हैं. भोजन के समय का भी ध्यान रखना चाहिए क्योंकि बॉडी क्लॉक इसी हिसाब से कार्य करती है. यदि प्रतिदिन नाश्ता, लंच और डिनर एक निर्धारित समय पर करेंगे तो भूख भी उसी अनुसार अच्छे से लगेगी. नाश्ता हैवी करें ताकि दिनभर कार्य करने के लिए पूरी ऊर्जा मिल सके. लंच दोपहर 2 बजे से पहले कर लेना चाहिए. डिनर यदि शाम को कर लेंगे तो इससे पाचन शक्ति दुरुस्त रहेगी. सोने और रात के खाने में तीन से चार घंटे का अंतर होना महत्वपूर्ण है. डाइट संतुलित होनी चाहिए. ऐसा न हो कि सिर्फ प्रोटीन या कार्बोहाइड्रेट्स ही ज्यादा ले लिए. पेय पदार्थ भी पर्याप्त मात्रा में लें. इसके साथ ही नियमित रूप से अभ्यास के लिए भी समय निकालें. लगभग 45 मिनट की डेली अभ्यास जरूर करें.
बाकी के 8 घंटे को बनाएं क्वालिटी टाइम (WHAT IS YOUR QUALITY TIME) 8 घंटे की नींद, 8 घंटे खानपान, अभ्यास और अन्य रुटीन के कार्यों में देने के बाद अब जो 8 घंटे आपके पास बचे हैं उन्हें क्वालिटी टाइम के रूप में बिताएं. सबसे पहले अपने परिवार के साथ समय बिताने की आदत डालें. दोस्तों से मिलें. सामाजिक कार्यों में सक्रियता बढ़ाएं.प्रकृति के पास जाने का भी टाइम निकालें. लिखने, पढऩे, ड्राइंग या सिंगिंग, खेलने जैसी कोई हॉबी है तो उसे पूरा करें. इन सबसे आपके कार्य का तनाव होगा और शरीर में सकारात्मकता लाने वाले हार्मोंस ज्यादा बनेंगे और रिलीज होंगे. इससे शरीर रिलेक्स महसूस करेगा. इन सबके साथ खुद के लिए 15 मिनट जरूर निकालें. कहीं एकांत में बैठकर अपने बारे में विचार करें. मैंने आज क्या-क्या किया, मैं आज किसी के लिए मददगार साबित हो सका या नहीं, इनसे भी आपके अंदर की खुशी का स्तर बढ़ेगा. एक्सपर्ट: डाक्टर विनय सोनी, फैमिली फिजिशियन

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