इस्लामाबाद, 19 जून (आईएएनएस)। विदेशी कर्ज के बोझ तले कराह रही पाकिस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था के लिए कोरोना वायरस बहुत से देशों की तुलना में कहीं अधिक गंभीर चुनौतियां लेकर आया है। वैश्विक वित्तीय निकायों के अनुमानों के अनुसार, कोरोना ने चालू वित्त वर्ष में देश की विकास दर को ऋणात्मक (निगेटिव) संख्या की तरफ धकेल दिया है।
देश का कारोबारी समुदाय देश की फंसी हुई आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए ईज आफ डूइंग बिजनेस (व्यापार करने में आसानी) प्रावधानों की उपेक्षा पर इमरान सरकार पर गंभीर सवाल उठा रहा है। इसके बीच, पाकिस्तान सरकार ने देश के 38 माल विक्रेताओं और निर्यातकों अमेरिका स्थित ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन के साथ पंजीकृत करने की प्रक्रिया शुरू कर नाराजगी को कम करने की कवायद शुरू की है।
वाणिज्य व निवेश मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार अब्दुल रज्जाक दाऊद ने कहा कि 38 निर्यातकों की प्रारंभिक सूची में सर्जिकल, स्पोर्ट्स गुड्स और होम टेक्सटाइल सेक्टर शामिल हैं इस सूची का विस्तार अन्य क्षेत्रों में किया जाएगा।
दाऊद ने खुलासा किया कि सफल परीक्षण के बाद इन 38 कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है।
हालांकि ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने के पाकिस्तान सरकार के कदम को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) जैसे वैश्विक व्यापार निकायों द्वारा सराहा जा रहा है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि कोरोनोवायरस की उपस्थिति ने वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को हिला कर रख दिया है जिसमें अधिकांश व्यवसाय ठप पड़ गए हैं। ऐसे में ई-कॉमर्स आधारित व्यवसाय पाकिस्तानी निर्यातकों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण साबित होगा।
लेकिन, दाऊद ने इससे असहमति जताते हुए कहा कि आज ई-कॉमर्स आधारित व्यवसाय और भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि यह कई गुना बढ़ गया है, जिससे यह अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन गया है।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने बी2सी (बिजनेस टू कंज्यूमर) ई-कॉमर्स आधारित व्यवसाय के लिए एक नियामक ढांचा तैयार किया है। बैंक ने कहा है कि इसे फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू द्वारा विकसित ई-कॉमर्स मॉडल के साथ जोड़ा जाएगा।
पाकिस्तान की जीडीपी पिछले वित्त वर्ष में महज 1.9 प्रतिशत थी और यह चालू वित्त वर्ष के अनुमानित माइनस 0.38 प्रतिशत तक गिर गई है।
-आईएएनएस