Solar Eclipse 2020: कोरोना काल में सेहत पर भारी पड़ सकते हैं सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव, बचने के लिए करें ये उपाय

21 जून, रविवार को साल 2020 का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण लगने वाला है। बताया जा रहा है कि इस ग्रहण की अवधि 5 घंटे 48 मिनट की है। ऐसा कहा जा रहा है ये ग्रहण हजार साल बाद ऐसा लगने वालै है। ये ग्रहण सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर लगेगा और इसका सूतक 15 घंटे पहले 20 जून की रात 9 बजकर 15 मिनट से शुरू हो जाएगा। सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने की स्थिति से जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है, तो इस स्थिति को ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है।

जब सूर्य का एक भाग छिप जाता है तो उसे आंशिक सूर्यग्रहण कहते हैं। जब सूर्य कुछ देर के लिए पूरी तरह से चंद्रमा के पीछे छिप जाता है तो उसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहते हैं। पूर्ण सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या को ही होता है। सूर्य ग्रहण का स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचने के लिए नियम बनाए गए है जिन्हें करने से आप सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं।
खास कर गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बहुत ज्यादा सावधानियां बरतनी होती है, क्योंकि सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भ में पलने वाले बच्चे पर इसका असर पड़ता है। साथ ही ये भी मान्यता है कि मन की शुद्धी के लिए दान-पुण्य भी करना चाहिए। माना जाता है कि बिना सुरक्षा ग्रहण देखने से आंखों पर बुरा असर पड़ता है।
इससे आंखों की रोशनी खत्म होने और पूरी तरह से अंधेपन होने का खतरा होता है। वैज्ञानिक मानते हैं कि सूर्य ग्रहण पर मून फुल मून की तुलना में चार लाख गुना ज्यादा चमकदार होता है, जो सीधे रूप से आंखों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि कुछ सावधानियां अपनाकर आप इस दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
क्या होता है सूर्य ग्रहण
पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने के साथ-साथ अपने सौरमंडल के सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है। खलोगीय स्थिति में सूर्य चंद्रमा और पृथ्वी तीनों एक ही सीधी रेखा में आ जाते हैं। सूर्यग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन होता है जबकि चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन होता है।
सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचाव
मान्यता है कि ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचने के लिए तुरंत बाद कोई भी काम न करें, किसी भी काम को करने से पहले नहाना चाहिए। सूर्य ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। ना ही खाना बनाया जाता है और न खाया जाता है। घर में या बाहर मौजूद तुलसी के पौधे को भी गंगाजल डालकर स्वच्छ करना चाहिए। कुछ लोग तो अपने घरों को भी पानी से धो डालते हैं।

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