सरकार के इस निर्णय से सड़क हादसे में घायलों की जान बचाई जा सकेगी, पढ़े

केंद्र सरकार दो पहिया व चार पहिया वाहनों के प्राथमिक इलाज बॉक्स में दो दवाएं रखना जरूरी करने जा रही है. इसमें एक खून रोकने वाली कारागार (ठोस चिपचिपा घोल) व

शरीर में कटे जगह पर लगाने वाली क्रीम (सेंट्रीमाइड-बीपी) है. इससे अधिक खून बहने के कारण लोगों की जान नहीं जाएगी. इसके अतिरिक्त बॉक्स में महत्वपूर्ण ज़िंदगी रक्षक दवाएं, पट्टी व एंटीसेप्टिक आदि होना चाहिए. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मंगलवार को हितधारकों से सुझाव-आपत्ति के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. इसके तीस दिन बाद इस नियम को लागू कर दिया जाएगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में कुछ कार कंपनियां उपभोक्ता को प्राथमिक इलाज की सामग्री मुफ्त में देती हैं. लेकिन इसमें सामान्य बीटाडिन, लोशन और पट्टी होती है. सड़क हादसों में घायलों के शरीर से खून के बहाव को रोकने में यह दवाइयां अच्छा नहीं होती हैं. अधिक खून बहने के कारण लोगों की मृत्यु हो जाती है.अब नियमानुसार प्राथमिक इलाज बॉक्स में पट्टी, कैंची, एंटीसेप्टिक, दर्द निवारक टेबलेट और अन्य ज़िंदगी रक्षक दवाइयां रखनी होंगी. ऑफिसर ने बताया कि कार निर्माता कंपनियों के लिए यह सामग्री मुफ्त में देना जरूरी होगा. *कमोबेश यह नियम दो पहिया *वाहन मोटरसाइकिल, स्कूटर, *स्कूटी, व्यावसायिक वाहनों पर *भी लागू होगा.
सड़क परिवहन क्षेत्र के विशेषज्ञ अनिल छिकारा ने बोला कि सरकार के इस निर्णय से सड़क हादसे में घायलों की जान बचाई जा सकेगी. एक्सीडेंट का पहला एक घंटा गोल्डन ऑवर होता है. इस दौरान प्राथमिक इलाज मिलने से घायल के बचने की उम्मीद अधिक हो जाती है. सरकार ने सड़क हादसों में जान गंवाने वाले दो पहिया वाहन चालकों को नयी मोटरसाइकिल- स्कूटर खरीदने पर बीआईएस मार्क के दो हेलमेट मुफ्त देने का प्रावधान किया था. लेकिन कई बार लोग हेलमेट लेने के बजाए डीलर से उतने पैसे कम करा लेते हैं. जबकि देश में डेढ़ लाख हादसों में 27 प्रतिशत दो पाहिया चालक सवार हैं.

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