खस की जड़ नहीं है क‍िसी जादुई औषधि से कम, इन बीमार‍ियों से बचाती है

खसखस का शर्बत तो सबने पीया होगा और हम में से ज्‍यादात्तर लोग इससे होने वाले फायदों के बारे में अच्‍छी तरह वाक‍िफ होंगे। खस (Khus)एक तरह की आयुर्वेदिक औषधि है, जो कई तरह के रोगों और बीमारियों को ठीक करने में मददगार साबित होती है। खस की तरह खस की जड़ का पानी पीने के भी कई फायदे हैं। हाल ही में डायटीशियन रुजुता द‍िवकेर ने इंस्‍टाग्राम में खस की जड़ की व‍िशेषता बताते हुए इसे 'जादुई जड़ी' कहा था और इसके ढे़र सारे स्वास्थ्य लाभ बताए हैं। जानें इसके फायदों के बारे में।


इन बीमार‍ियों को करें छू मंतर
रुजुता दिवेकर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट में एक पोस्ट शेयर करके खस के ढेर सारे फायदे बताए हैं। रुजुता के अनुसार खस की जड़ का पानी पीने से इन समस्‍याओं का जड़ से ही सफाया हो जाता है।
1. हार्मोनल असंतुलन और पीसीओडी (PCOD) की समस्या
2. लो- स्पर्म मोबिलिटी (Low Sperm Mobility)
3. खूबसूरत चिकनी त्वचा और निखार के लिए (Smooth, flawless complexion)
4. यूटीआई (UTI) की समस्या
5. बुखार
6. शरीर के सामान्य और क्रॉनिक दर्द के लिए
कहां मिलेगी खस की जड़?
कहां मिलेगी खस की जड़?
रुजुता लिखती हैं कि इसकी जड़ों से हल्की खुश्बू आती है, जैसे चंदन से आती है। ये एक तरह की घास ही है। पुराने समय में इसका इस्तेमाल मटका बनाने में किया जाता था, ताकि वो ठंडा रहे। इसकी घास से आज भी चटाई, पर्दे और डलिया आदि बनाए जाते हैं। खस की जड़ आमतौर पर आपको किराना स्टोर्स यानी ग्रॉसरी शॉप्स पर मिल जाएंगी। इसके अलावा ऑनलाइन स्टोर्स पर भी आप खस खरीद सकते हैं।
कैसे करना है खस का इस्तेमाल?
खस की जड़ों को सबसे पहले अच्छी तरह धोकर साफ कर लें। अब थोड़ी सी जड़ों को पीने वाले पानी में भिगोकर रख दें और 3 दिन तक इसे भीगा रहने दें। 3 दिन बाद आप जड़ों को इसमें से निकाल लें और पानी को थोड़ा-थोड़ा कर पीते रहें। खस की जड़ को आप एक बार ही नहीं, बल्कि सुखाकर 3 बार भिगोने में इस्तेमाल कर सकती हैं। यानी थोड़ी सी जड़ लगभग 10 दिन तक के लिए काम आ सकती है।

Khus - the miracle root - Say Hello to the Khus roots, mother nature's natural coolants. They not just make your paani thanda but have exceptional health benefits especially in cases of hormonal disorders like PCOD and low sperm mobility. Some other important benefits - - Smooth, flawless complexion - prevent UTI and fevers - relief from chronic body aches and pains Where to find it - Grows all over India, it was earlier used in matkas to naturally cool down the water and give it a mild fragrance similar to Chandan. The grass is used to make mats, curtains, chatais, especially in areas of dry heat, known to make the room and surroundings cooler. Is often turned into a khas sherbet too. Farmers grow it around veggies and fruit trees for its anti- termite and insect repellent properties. How to use - clean roots, soak them in your drinking water. You can keep them in for 3 days. Post that remove them, dry them and reuse up to 3 times. Also known as - Wala, Walo, Vetiver, Ramacham
A post shared by Rujuta Diwekar (@rujuta.diwekar) on Jun 14, 2020 at 10:33pm PDT

source: boldsky.com

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