नई दिल्ली।
चीन और भारत के बीच सैनिक झड़प में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने और चीन के 46 सैनिक मारे जाने के बाद विपक्ष के तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग की जा रही थी।
आज प्रधानमंत्री ने प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल मीटिंग से पहले मैं केवल चीन को, बल्कि पूरी दुनिया को स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि भारत अपनी संप्रभुता एवं अखंडता के साथ कभी कोई समझौता नहीं करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत स्पष्ट शब्दों में साफ तौर पर पूरी दुनिया को यह संदेश दे दिया है कि भारत अपने वीर शहीदों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देगा, चीन को भी यह बात स्पष्ट तौर पर समझ में आ जानी चाहिए।
पढ़िए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा बयान
भारत माता के वीर सपूतों ने गलवान वैली में हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। मैं देश की सेवा में उनके इस महान बलिदान के लिए उन्हें नमन करता हूं, उन्हें कृतज्ञता पूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं।
दुख की इस कठिन घड़ी में हमारे इन शहीदों के परिजनों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।
आज पूरा देश आपके साथ है, देश की भावनाएं आपके साथ हैं। चाहे स्थिति कुछ भी हो, परिस्थिति कुछ भी हो, भारत पूरी दृढ़ता से देश की एक एक इंच जमीन की, देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा।
भारत सांस्कृतिक रूप से एक शांतिप्रिय देश है। हमारा इतिहास शांति का रहा है। भारत का वैचारिक मंत्र ही रहा है, लोकाः समस्ताह सुखिनो भवंतु।
हमने हर युग में, पूरे संसार में शांति की पूरी मानवता के कल्याण की कामना की। हमने हमेशा से ही अपने पड़ोसियों के साथ एक को ऑपरेटिव और फ्रेंडली तरीके से मिलकर काम किया है।
हमेशा उनके विकास और कल्याण की कामना की। जहां कहीं हमारे मतभेद रहे हैं, हमने हमेशा यह प्रयास किया है कि मतभेद विवाद न बने। डिफरेंस डिस्प्यूट्स में न बदले।
हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं है, लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझोता भी नहीं करते, जब भी समय आया है हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया, अपनी क्षमताओं को साबित किया है।
शांति हमारे राष्ट्रीय चरित्र का हिस्सा है, लेकिन साथ ही विक्रम और वीरता उतना ही हमारे देश के चरित्र का हिस्सा मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं, हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है। इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता। इस बारे में किसी को भी जरा भी संदेह नहीं होना चाहिए।
भारत शांति चाहता है, लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है और हमारे दिवंगत शहीद वीर जवानों के विषय में देश को इस बात का गर्व होगा कि आप मरते-मारते मरे हैं।
अभी मेरा आप सभी से सभी आदरणीय मुख्यमंत्री जी से सभी यहां इस मीटिंग में वर्चुअल मीटिंग में उपस्थित आप सभी से आग्रह है कि हम खड़े होकर के 2 मिनट मौन रखकर के इन वीर सपूतों को पहले श्रद्धांजलि देंगे, उसके बाद आज जो हमने हमारी मीटिंग तय की है, उस मीटिंग को आगे बढ़ाएंगे।