Coronavirus: क्या शरीर के तापमान की जांच ही कोरोना वायरस से बचाव का कारगर उपाय है?

लॉकडाउन के बाद दुकान, सैलून और अन्य प्रतिष्ठान खुलने तैयार हैं. ऐसे में दुकानदारों को चिंता है कि ग्राहकों को कोरोना वायरस के संक्रमण से कैसे सुरक्षित रखा जाए? इसके लिए दुकानदार और अन्य प्रतिष्ठान अपने यहां आनेवाले ग्राहकों का तापमान चेक करने की सोच रहे हैं. ग्राहकों में कोरोना वायरस का एक लक्षण बुखार पता करने के लिए कई अन्य उपाय के साथ 'थर्मोमीटर गन' लगाने जा रहे हैं. ये डिवाइस मानव शरीर के ऊपरी सतह से आनेवाली गर्मी को जांचती है.

विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान को चेक करना किसी हद तक फायदेमंद हो सकता है मगर सिर्फ यही काफी नहीं है. संक्रमण की पहचान के लिए स्वच्छता उपाय के साथ सोशल डिस्टेंसिंग भी अपनाना जरूरी होगा. इसके पीछे उनकी दलील है कि बहुत सारे लोगों में कोरोना वायरस का लक्षण नहीं होगा मगर दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं. तापमान चेक करने पर इसका पता नहीं चलेगा. मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एशली वुडकॉक कहते हैं, "तापमान की जांच से बिना लक्षण वाले मामले सामने नहीं आएंगे. बहुत सारे नतीजे निगेटिव जाहिर होंगे." उनका कहना है कि सितंबर तक सर्दी और बुखार का मौसम शुरू होगा तो हो सकता है लोगों में बुखार का पता चले मगर इसका ये मतलब नहीं है कि उन्हें कोरोना वायरस होगा. पॉजिटिव नतीजे झूठे होंगे.
दूसरी विसंगति ये है कि बिना बीमार हुए भी लोगों में उच्च तापमान का पता चले मगर इसका कारण उनकी दवाओं का सेवन भी हो सकता है. प्रोफेसर वुडकॉक ग्राहकों को सुरक्षित रखने के लिए उपाय के तौर पर सिर्फ तापमान जांच को काफी नहीं समझते. उनका कहना है कि ऐसा करने से ये सिर्फ दूसरे लोगों के लिए खतरे की जद में आने से बचाव का एक उपाय हो सकता है. एक अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर जेम्स गिल कहते हैं कि चेक प्वाइंट पर थर्मोमीटर गन के जरिए तापमान चेक करनेवाले लोगों को उचित ट्रेनिंग ना दी गई हो. उन्हें इस बात की जानकारी नहीं हो कि कैसे गन को ग्राहक के माथे तक करीब किया जाए. कितनी दूरी पर माथे और गन के बीच को रखा जाए? इस्तेमाल किए जानेवाले थर्मोमीटर गन की सटकीता पर भी जेम्स सवाल उठाते हैं.
प्रोफेसर जेम्स के मुताबिक दूसरे चरण के संक्रमण से बचाव की कोशिश में तापमान को जांचना एक मामूली हिस्सा है. हालांकि छोटा कदम भी मुफीद है. उनकी सलाह है कि अगर कोरोना वायरस के दूसरे चरण से बचना है तो फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग ज्यादा मजबूत हथियार साबित होंगे. प्रोफेसर वुडकॉक भी इस राय से सहमत हैं. उनका भी यही मानना है कि लोगों को दो मीटर की दूरी बनाए रखने के साथ साफ-सफाई के भी उपाए जैसे हैंड सैनेटाइजर को दुकान के इंट्री और निकासी रास्ते पर रखने होंगे. उनका ये भी कहना है कि आपको मानकर चलना चाहिए कि हर शख्स कोरोना पॉजिटिव है.
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