लद्दाख में भारत के साथ झड़प में कई चीनी सैनिक मारे गए

नई दिल्ली/बीजिंग, 16 जून (आईएएनएस)। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में सोमवार रात अनिर्दिष्ट संख्या (संख्या का सही अंदाजा नहीं) में चीनी सैनिकों की मौत हो गई। पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं की बीच तनाव बना हुआ है और दोनों पक्षों की सेनाएं मई महीने से ही आमने-सामने हैं।हालांकि चीन ने उसके सैनिकों के हताहत होने के बारे में चुप्पी साध रखी है, मगर सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के आधिकारिक अखबार पीपुल्स डेली द्वारा प्रकाशित ग्लोबल टाइम्स ने स्वीकार किया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक भी मारे गए हैं।

ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू शिन ने ट्वीट किया, मैं जो जानता हूं, उसके आधार पर कह रहा हूं कि गलवान घाटी में हुई झड़प में चीनी पक्ष को भी जान का नुकसान पहुंचा है।
हालांकि उन्होंने भारत को चेतावनी देते हुए कहा, मैं भारतीय पक्ष को बताना चाहता हूं कि अभिमानी मत बनो और चीन के संयम को कमजोरी समझने की गलती मत करो। चीन भारत के साथ कोई टकराव नहीं चाहता है, लेकिन हम इससे डरते भी नहीं हैं।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के दौरान तीन भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद चीन ने भारत को सीमा पार नहीं करने को भी कहा है।
चीनी मीडिया ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के हवाले से कहा कि चीन ने भारत से उसके सीमावर्ती सैनिकों को सीमा पार करने या किसी भी एकतरफा कार्रवाई करने से रोकने का आग्रह किया है, जो सीमा पर स्थिति को जटिल बना सकती है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने पहले कहा था कि भारतीय सैनिकों ने सोमवार को दो बार एलएसी पार की। उन्होंने कहा, चीनी सैनिकों को भड़काते हुए उन पर हमला किया गया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों सीमा बलों के बीच गंभीर टकराव हुआ।
बीजिंग ने तीन भारतीय सैनिकों के शहीद होने का उल्लेख किया है लेकिन अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को झड़पों में कोई नुकसान पहुंचा या नहीं, इस पर कुछ नहीं कहा है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने सोमवार को अवैध रूप से सीमा पार करके दोनों पक्षों के बीच आम सहमति का उल्लंघन किया। मंत्रालय ने कहा, चीन और भारतीय पक्ष ने सीमा पर स्थिति को सामान्य बनाने और सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए बातचीत के माध्यम से द्विपक्षीय मुद्दों को हल करने पर सहमति व्यक्त की हुई है।
-आईएएनएस

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