येल स्कूल ऑफ मेडिसिन की संक्रामक रोग विशेषज्ञ और मेडिसिन एवं महामारी विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर मनीषा जुठानी ने बोला है कि लोग कोविड-19 संक्रमण से लड़ने व अच्छा होने में सक्षम साबित हुए हैं. इससे यह इशारा मिला है कि वैक्सीन बनाया जान संभव है जो इस बीमारी से निपट सकती है.
जुठानी ने इस मामले का हवाला दिया कि एचआईवी के लिए अभी तक कोई टीका नहीं बनाया गया है व यह वायरल संक्रमण लगभग कई सालों से बना हुआ है. उन्होंने बोला कि मानव अपने खुद की प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ एचआईवी का उन्मूलन करने में सक्षम नहीं है. वायरस जीवित है, यहां तक कि सबसे अच्छी दवाओं के साथ. लेकिन, कोविड-19 संक्रमण से लड़ने व इससे अच्छा होने में हम सक्षम प्रतीत हो रहे हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या कोविड-19 से लोगों का अच्छा होना बहुत अर्थ रखता है, जुठानी ने बोला कि हां, यह एक जरूरी पहलू है. इससे पता चलता है कि हम एक वैक्सीन बनाने में सक्षम हो सकते हैं जो कोविड के उपचार में ऐसी ही सकारात्मक रिएक्शन दे सके. हालांकि, उन्होंने बोला कि अन्य टीके श्वसन संबंधी संक्रमण में पूरी तरह से प्रभावी नहीं होते हैं व इनसे मिली इम्युनिटी कुछ सालों तक ही रहती है.
जल्द ही वैक्सीन की उपलब्धता की आसार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बोला कि मुझे विश्वास है कि हम एक वैक्सीन बना सकेंगे. कई कंपनियां इस पर कार्य कर रही हैं, इसलिए उम्मीद है कि कई भिन्न-भिन्न प्रकार के टीके होंगे. हालांकि, मुझे लगता है कि हमें अपनी प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए हर वर्ष या हर कुछ साल में यह टीका लगाते रहने की जरूरत होगी."
टीकों के उपलब्ध होने की आसार पर उन्होंने बोला कि ऐसी रिपोर्ट हैं कि कुछ टीके 2020 के अंत तक उपलब्ध हो सकते हैं.