दिल दुरुस्त रखना हैं तो करे इन टिप्स को फॉलो

दिल दुरुस्त रखने के लिए विशेषज्ञ दशकों से हाई डेंसिटी लाइपोप्रोटीन (एचडीएल) यानी गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाने की सलाह देते आए हैं. हालांकि, अमेरिका स्थित एमोरी यूनिवर्सिटी के हालिया अध्ययन में किसी भी अन्य वस्तु की तरह ही 'गुड कोलेस्ट्रॉल' की अति को भी खतरनाक करार दिया गया है.

शोधकर्ताओं के मुताबिक एचडीएल बेशक हृदयरोग का खतरा घटाने में अच्छा है, लेकिन इसकी अत्यधिक मात्रा दिल की स्वास्थ्य को नुकसान का सबब बन सकती है. एचडीएल बढ़ाने वाली दवाओं का हार्ट अटैक से मृत्यु का खतरा घटाने में कुछ खास असरदार नहीं साबित होना इसका जीता-जागता प्रमाण है.
लॉरा कॉर के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने लगातार चार वर्ष तक हृदयरोग से जूझ रहे 6000 बुजुर्गों की स्वास्थ्य पर नजर रखी. इस दौरान 13 प्रतिशत प्रतिभागियों को या तो दिल का दौरा पड़ा या फिर उनकी हृदयरोग से मृत्यु हो गई. खास बात यह थी कि हार्ट अटैक के लगभग सभी मुद्दे उन लोगों से जुड़े थे, जिनके शरीर में एचडीएल की मात्रा या तो 1.0 से कम थी या फिर 1.4 से ज्यादा. सिर्फ 1.0 से 1.4 के बीच एचडीएल वालों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बेहद कम पाया गया.
दो तरह का कोलेस्ट्रॉल- 1.एलडीएल (बैड कोलेस्ट्रॉल) : धमनियों की दीवारों पर वसा जमने के लिए जिम्मेदार, रक्त प्रवाह के दौरान धमनियों पर अलावा दबाव पड़ने से उनके फंटने का खतरा रहता है -स्रोत : फुल क्रीम दूध, मक्खन, चीज, क्रीम, फास्टफूड, तैलीय पकवान, व्हाइट ब्रेड, नूडल्स, पास्ता, चावल, बेकरी उत्पाद, रेड मीट
2.एचडीएल (गुड कोलेट्रॉल) : धमनियों में जमे वसा की छंटाई कर लिवर में भेजता है, ताकि उसमें उपस्थित पोषक तत्व अलग हो जाएं व अवशेष शरीर से बाहर निकाला जाएं -स्रोत : अंकुरित अनाज, दाल, फलियां, रेशेदार फल-सब्जियां, मछली, ऑलिव ऑयल, बादाम, अखरोट, अलसी व तुलसी के बीज

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