उच्च रक्तचाप की दवाओं से कोरोना मरीज को नहीं कोई दिक्कत

उच्च रक्तचाप की दवाओं से कोविड-19 के मरीजों को अधिक जोखिम नहीं है. नए शोध में इसका खुलासा हुआ है. इससे पहले कुछ विशेषज्ञों ने इसको लेकर संभावना जताई थी. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने अप्रैल, 2020 में एक ​रिपोर्ट दी थी. उसमें बोला गया था कि अस्पतालों भर्ती कोरोना के 72 प्रतिशत मरीज 65 साल या उससे अधिक या फिर उच्च रक्तचाप से ग्रसित थे.

इसके बाद ब्लड प्रेशर कम करने वाली दो दवाओं एसीई व एआरबी की जाँच की गई. इसमें पता चला कि कोरोना वायरस फेफड़ों पर हमला करने के लिए जिस जैविक मार्ग का उपयोग करता है अच्छा वैसा काम एसीई व एआरबी करता है. इसके बाद ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बोला कि जब तक इन दवाओं के बारे में सटीक जानकारी नहीं मिल जाती है तब तक इन दवाओं का उपयोग बंद कर देना चाहिए, जबकि दूसरों का तर्क था कि रोगियों को दवा लगातार लेनी चाहिए. वहीं, बाल्टीमोर में जॉन्स हॉपकिन्स सेंटर फॉर ड्रग सेफ्टी एंड इफ़ेक्टिविटी के विशेषज्ञ ने इस बहस को सबसे जरूरी बताया.
इलाज बंद नहीं करें- इस नए शोध को शुक्रवार को प्रकाशित किया गया. अध्ययन में बोला गया है कि अन्य दवाओं की तुलना में एसीई व एआरबी का उपयोग करने वाले मरीजों में जोखिम नहीं पाया गया है. इसके बाद शोधकर्ताओं ने मरीजों को कोविड-19 से बचने के लिए अपना उपचार बंद नहीं करने की सलाह दी है. अध्ययन में संयुक्त प्रदेश अमेरिका व स्पेन के 1.1 मिलियन रोगियों पर उच्च रक्तचाप की दवाओं का इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया है.
आश्वस्त करने वाला निष्कर्ष - शोध के नेतृत्वकर्ता व कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के बायोस्टैटिस्टिशियन मार्क सुचर्ड ने बोला कि हमारे निष्कर्ष बहुत ज्यादा आश्वस्त करने वाला है. उन्होंने बोला कि एक एसीई या एआरबी लेना उतना ही सुरक्षित है, जितना उच्च रक्तचाप के लिए कोई अन्य दवा.

अन्य समाचार