उनकी आत्मा तो राधा ही है। अत: राधा और कृष्ण को कभी अलग नहीं कर सकते हो फिर विवाह होना और बिछड़ने का सवाल ही नहीं उठता।
ब्रह्मवैवर्त पुराण की एक कथा के अनुसार, श्रीकृष्ण के साथ राधा गोलोक में रहती थीं। एक बार उनकी अनुपस्थिति में श्रीकृष्ण दूसरी पत्नी विरजा के साथ घूम रहे थे। तभी राधा आ गईं, वे विरजा पर नाराज होकर वहां से चली गईं। श्रीकृष्ण के मित्र श्रीदामा को राधा का यह व्यवहार ठीक नहीं लगा और वे राधा को भला बुरा कहने लगे।
राधा ने क्रोधित होकर श्रीदामा को अगले जन्म में राक्षस बनने का श्राप दे दिया। इस पर श्रीदामा ने भी उनको पृथ्वी लोक पर मनुष्य रूप में जन्म लेकर 100 वर्ष तक कृष्ण विछोह का श्राप दे दिया।