वाशिंगटन.विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि स्तनपान के जरिए कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं है और इसलिए covid-19 पीड़ित महिलाएं भी शिशु को अपना दूध पिला सकती हैं. WHO के महानिदेशक डॉ. तेद्रोस गेब्रियेसस ने कोविड-19 पर नियमित प्रेसवार्ता के दौरान शुक्रवार को कहा कि covid-19 से संक्रमित या संक्रमण का संदेह होने पर भी शिशु को अपना दूध पिलाने के लिए मां को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. जब तक मां बहुत ज्यादा बीमार नहीं है बच्चे को उससे अलग नहीं किया जाना चाहिए. संगठन में मातृ, शिशु, बाल एवं किशोर स्वास्थ्य के निदेशक डॉ. अंशु बनर्जी ने कहा कि स्तनपान के जरिए कोरोना का अब तक कोई प्रमाण नहीं मिला है. एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि मां के दूध में हमें अब तक जिंदा वायरस नहीं मिला है. मां के दूध में covid-19 के आरएनए के अंश मिले हैं, लेकिन जिंदा वायरस नहीं मिला है. इसलिए मां से बच्चे को कोरोना संक्रमण होने का अब तक कोई प्रमाण नहीं है. डॉ. तेद्रोस ने कहा कि WHO ने स्तनपान के दौरान मां से शिशु को कोरोना होने के जोखिम का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया है. हम जानते हैं कि बच्चों में कोरोना का खतरा कम होता है जबकि कुछ ऐसी अन्य बीमारियों का खतरा अधिक होता है जिन्हें स्तनपान के जरिये रोका जा सकता है. मौजूदा प्रमाणों के आधार पर WHO की सलाह है कि स्तनपान से कोरोना होने के खतरे की तुलना में इसके फायदे कहीं अधिक हैं. WHO ने कोविड-19 संक्रमित मां द्वारा स्तनपान के बारे दिशा-निर्देश भी जारी किया है. इसमें कहा गया है कि स्तनपान से पहले मां को मास्क लगाना चाहिए, शिशु को छूने से पहले और बाद में अपने हाथ धोने चाहिए तथा नियमित रूप से आसपास की सतहों को साफ और संक्रमण मुक्त करना चाहिए.