करियर का चयन करते समय रखें इन बातों का ध्यान

आज के दौर में 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करते ही आप अपने भविष्य के सबसे निर्णायक मोड़ पर खड़े हो जाते हैं। जहां से आपको रूतबा, पैसा या चुनौती में से किसी एक को चुनना पड़ता है। ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले आपको खूब सोचने-समझने की जरूरत होती है। आज का हमारा यह कॉलम आपको इस प्रकार का बड़ा फैसला लेने में आपकी मदद करेगा।

कैरियर चुनाव के प्रति हमें जल्दबाज़ी में कार्य करने से भी बचना चाहिए। फिर जिस खास करियर को अपने लिए हम सही मानते हैं, इसके लिए आवश्यक है कि उसके बारे में पूरी जानकारी एकत्रित की जाए। माता-पिता या दोस्त के कहने या दबाव में करियर का निर्णय लेना एकदम गलत है। एक और चीज़ जो आज के वक्त में काफी अहम है, वह है परिणाम के प्रति हमारा व्यवहार। सभी विद्यार्थी 90 फीसदी अंक तो नहीं ला सकते। आज न तो रोज़गारोन्मुखी कार्यक्रमों की कमी है और ना ही रोज़गार के क्षेत्रों की। इंजीनियरिंग, चार्टर्ड एकाउंटेंसी, मेडिकल, होटल प्रबंधन, रक्षा सेवाएं, फैशन डिजाइनिंग, कंप्यूटर साइंस, अनुवादक, दुभाषिये, जर्नलिज्म, रिटेल जैसे कई क्षेत्र हैं, जिनमें से किसी एक को अपनी रूचि के अनुसार चुनकर आप ऊंचाईयों तक पहुंच सकते हैं।
सारी सावधानियां बरतने के बाद अगर करियर को लेकर थोड़ी सी भी संदेह की स्थिति हो तो करियर काउंसलर से शीघ्र संपर्क स्थापित करना चाहिए। वह ना केवल आपकी रुचि और व्यक्तित्व की परख करके आपके लिए बेहतर करियर क्षेत्र ढूंढने में सहायता करते हैं बल्कि उससे संबंधित सभी ऐसी जानकारियां देते हैं जो आपके लिए हर स्तर पर फायदेमंद हो सकती हैं। काउंसलिंग के जरिए छात्रों से सीधे बातचीत कर छात्रों की परेशानियों का हल एवं उन्हें पेशेवर मार्गदर्शन दिया जाता है। इस दौरान छात्रों की पारिवारिक पृष्ठभूमि का भी ख्याल रखा जाता है। वैसे छात्रों को परामर्शदाताओं की मदद लेने के साथ-साथ अपने स्तर पर भी सक्रिय होना चाहिए। फिर अपनी पसंद के क्षेत्रों में कार्यरत लोगों से भी उन्हें सलाह लेनी चाहिए। इसी तरह, ग्लैमर व प्रतिष्ठा से जुड़े जॉब पाने के आकांक्षी छात्रों को वास्तविकता के तह में जाने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि वहां जॉब असंतोष की समस्याएं भी काफी देखी जाती हैं। जिस क्षेत्र में आप जाना चाहें वहीं जाएं, आपको उस क्षेत्र में रोजगार की कमी नहीं होगी।
अपनी क्षमता और दक्षता के आधार पर करियर के चुनाव को लेकर इधर छात्रों और अभिभावकों की सोच में काफी परिवर्तन आया है, फिर भी यह पर्याप्त नहीं है। अब भी अच्छे से अच्छे वातावरण में पढ़ने वाले आधे से अधिक छात्र करियर को लेकर संदेहास्पद अवस्था में रहते हैं। कभी वे अच्छे कॉलेज पाने की चाहत में अपने पसंदीदा पाठयक्रम की पढ़ाई को तिलांजलि दे देते हैं तो कभी अपने अभिभावकों के दबाव की वजह से ऐसे कोर्स में प्रवेश लेते हैं, जिसमें उनकी बिल्कुल रूचि नहीं होती। कई छात्र स्नातक होने के बाद भी यह निश्चित नहीं कर पाते कि भविष्य में अब क्या करना है? ऐसे वक्त में करियर के इस सवाल से हजारों छात्र-छात्राएं जूझते देखे जा सकते हैं। परीक्षा होने के बाद से ही करियर चुनने संबंधी शंकाएं छात्र के मन-मस्तिष्क को उद्वेलित किए रहती हैं।
दरअसल, करियर के नए विकल्पों और मौकों की अधिकता ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि छात्रों में संदेह की स्थिति पैदा होना आश्चर्य की बात हरगिज़ नहीं है। आज के विद्यार्थी मीडिया और इंटरनेट में उपलब्ध करियर के कई विकल्पों की जानकारी आसानी से प्राप्त कर लेते हैं। अब तो शहरों में रहने वाले छात्र दसवीं के बाद ही करियर के प्रति सजग हो जाते हैं। वक्त की मांग के मुताबिक अधिकतर छात्रों को आज वही डिग्री चाहिए जो जॉब दिलवाए। देश की बदलती आर्थिक नीति और उदारीकरण-भूमंडलीकरण के बीच वे वैसे ही कोर्स करने चाहते हैं, जो प्रोफेशनली हिट हों।
फिर तेजी से भागते इस युग में शॉर्ट टर्म पाठ्यक्रम भी लोकप्रिय हुए है। वैसे नियमित पाठ्यक्रमों की भूमिका भी आज कुछ कम नहीं है। इस तथ्य का विरोध किया जाना संभव है लेकिन यह सत्य है कि एक ओर करियर के लिए सजग छात्रों की फौज है तो दूसरी ओर है करियर के लिए सशंकित छात्र।
सरकारी स्तर पर व्यवस्था को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए शिक्षा नीति में कुछ परिवर्तन किए गए हैं और पेशेवर पाठ्यक्रम को महत्ता दी जा रही है। लेकिन इसे लेकर अब भी पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। छात्रों की संख्या की तुलना में विश्वविद्यालयों और तकनीकी शिक्षा संस्थान की कमीं है। सिर्फ व्यवसाय के लिए इतने शिक्षण संस्थान खुल गए हैं कि उनकी प्रामाणिकता के बारे में भी छात्रों को कुछ खास पता नहीं होता। पढ़ाई का खर्च भी इतना बढ़ गया है कि कई क्षेत्रों में जाना तो गरीब छात्रों के लिए मुमकिन ही नहीं है।
आज के छात्रों में अपने भविष्य को लेकर समझदारी पहले की अपेक्षा में काफी बढ़ चुकी है, फिर भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां उनका मार्गदर्शित होना आवश्यक है। इस मार्गदर्शन के लिए परिवार के समर्थन के साथ-साथ उन्हें पेशेवरों और परामर्शदाताओं का भी साथ मिलना चाहिए। आज के वक्त में हर पल तेजी के साथ हर क्षेत्र में परिवर्तन हो रहा है। इसलिए आवश्यक है कि मौकों की पहचान सही वक्त पर करते हुए भविष्य की सही प्लानिंग बनाई जाएं। सभी समझदारियों के बाद भी छात्रों के विषय में दावे से नहीं कहा जा सकता कि वे बिना किसी सहायता के सही मंजिल चुनने में समर्थ हैं। इसलिए आवश्यक है कि बिना सही करियर प्लानिंग के कोई दिशा नहीं चुनी जाए। छात्रों को चाहिए की वे अपनी रुचि और रुझान को महत्व देना सीखें। अगर आप शुरू से लक्ष्य निर्धारित करके उसे पाने की कोशिश करते हैं तो लक्ष्य पाना आसान हो जाता है। फिर आपके आगे यह भी साफ होना चाहिए कि नौकरी से आप पाना क्या चाहते हैं?

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