कोरोना वायरस संक्रमण रोगी की सूंघने की शक्ति और मुंह के स्वाद को भी बिगाड़ रहा है। साथ ही पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। हालांकि, 15 प्रतिशत तक ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं। कोरोना वायरस सबसे ज्यादा सांस लेने की क्षमता को प्रभावित करता है। जैसे-जैसे कोरोना के मरीज़ बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे इसके दूसरे असर भी हो रहे हैं। राजकीय दून मेडिकल अस्पताल के श्वसन रोग विभाग के प्रमुख और कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ। अनुराग अग्रवाल ने कहा कि अधिकांश रोगियों में सामान्य रूप से कोई लक्षण नहीं होते हैं।
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डॉ। अनुराग ने कहा कि राज्याभिषेक से पीड़ित रोगियों में सूँघने की शक्ति और मुँह का स्वाद कम होने, भूख की भावना कम होने की भी शिकायतें हैं।
हालाँकि, यह समस्या 15 दिनों के भीतर हल हो जाती है। कोरोना में दस्त भी हो सकता है।
डॉ। अनुराग ने कहा कि अगर किसी मरीज की हालत गंभीर स्थिति में है, जो पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित है
और एक पुराना मरीज बिगड़ता है, तो निमोनिया, फेफड़े खराब होने का डर है
साथ ही फेफड़ों, दिल या मस्तिष्क में भी थक्के बन सकते हैं। ।
हालांकि, यहां बहुत कम ऐसे मामले सामने आए हैं।
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि अगर आपको सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, डायरिया या पेट दर्द जैसी कोई समस्या है,
तो बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें।
इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में सुपाच्य और पौष्टिक भोजन, दाल, ताजा सब्जियां पकाएं।
वायरल बुखार में, शरीर में पानी कम हो जाता है।
ऐसे में आम आदमी को भी रोज कम से कम 10 गिलास पानी पीना चाहिए।
विटामिन सी युक्त ताजे फल भी खाते रहें ताकि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रहे।