ICMR के सीरो सर्वे से बड़ा खुलासा, क्या अपने आप ठीक हो गई बड़ी आबादी?

कोरोना वायरस जो कि इस समय में दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती हैं और इससे उभरने के हर संभव प्रयास भी किए जा रहे हैं। कई वैज्ञानिक दिन-रात इसकी वैक्सीन और दवाई पर काम कर रहे हैं। देश में भी कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा हैं। लेकिन इसी के साथ ही लोगों के मन में कोरोना को लेकर कई सवाल भी उठते जा रहे हैं। हाल ही में, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा 70 जिलों के 24 हजार लोगों पर सीरो सर्वे किया गया जो कि आबादी के भीतर कोरोना के प्रभाव का पता लगाने के लिए था। सर्वे के मुताबिक, देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कोरोना वायरस संक्रमण के बाद अपने आप ठीक हो गए हैं। इस सर्वे के अंतिम नतीजे तो अभी सामने नहीं आए हैं, लेकिन इसकी शुरुआती रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट सचिव से साझा की गई है। न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने अधिकारियों के हवाले से एक खबर प्रकाशित की है, जिसके अनुसार हॉटस्पॉट शहरों की बड़ी आबादी में संक्रमण फैला था और वे अपने आप ठीक हो गए।


न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, आईसीएमआर ने सीरोलॉजिकल सर्वे के लिए देश के 70 जिलों से करीब 24 हजार लोगों के नमूने इकट्ठे किए थे। सीरो सर्वे में खास एंटीबॉडी की पहचान के लिए नमूने लिए जाते हैं। एंटीबॉडी वे प्रोटीन्स हैं, जो संक्रमण से लड़ने में शरीर की मदद करते हैं। आईसीएमआर द्वारा IgG एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए सीरो सर्वे किया गया। यह एंटीबॉडी कोरोना वायरस से लड़ती है, जो कि संक्रमण के 14 दिन के बाद शरीर में मिलने लगती है और ब्लड के सीरम में कई महीने तक रहती है। ब्लड सैंपल का एंटीबॉडी टेस्ट कई तरह की जानकारियां देता है। शरीर में एंटीबॉडी का पता चलता है, जो यह बताती है कि व्यक्ति कोरोना वायरस का शिकार हुआ था या नहीं।

सीरो सर्वे के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) में तैयार की गई कोविड कवच एलिसा किट्स इस्तेमाल की गई। आईसीएमआर के इस सर्वे में पता चला कि देश के अधिकतम मामलों वाले जिलों के कई कंटेनमेंट इलाकों की 15 से 30 फीसदी आबादी को संक्रमण हो चुका है।खबर के मुताबिक, आईसीएमआर को अभी आठ जिलों का डाटा और कंपाइल करना है। बाकी जिलों का डाटा स्पष्ट करता है कि कई कंटेनमेंट जोन में संक्रमण आंकड़ों से कहीं गुणा ज्यादा है। इनमें मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद और इंदौर जैसे शहर शामिल हैं। स्पष्ट है कि कोरोना के जितने मामले सामने आ रहे हैं, उनसे कहीं ज्यादा संक्रमण फैला है।

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