आज छोटी-मोटी बीमारी का स्वयं इलाज करना एक फैशन बन गया है। विज्ञापन सुनकर मार्केट से खुद ही दवा खरीद कर इस्तेमाल कर लेते है। बिना डाक्टरी सलाह के ली गयी दवा कई बार अनेक प्रकार की समस्या उत्पन्न कर देते है। ऐसी दवाओं का नियमित इस्तेमाल करते रहने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती हैं, विशेषज्ञों के अनुसार दवा के इस्तेमाल के वक्त कुछ बातों का ध्यान रखें।
र्कोस पूरा करें
एक हेल्थ रिर्पोट के अनुसार, 46 प्रतिशत लोग बिना डाॅक्टरी सलाह के स्वयं ही चिकित्सा करते है। 30 प्रतिशत लोग डाॅक्टर को दिखाते हैं लेकिन वे र्कोस पूरा नहीं करते हैं दुबारा तकलीफ होने पर पहले वाली दवा से ही काम चला लेते हैं। सिर्फ 18 प्रतिशत लोग डाॅक्टर द्वारा बताये गये दवा का र्कोस पूरा करते हैं और डाॅक्टर के बुलाने पर दुबारा दिखाने भी नहीं जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार दवा का कोर्स पूरा न करना या दूसरे के लिए लिखी दवा का इस्तेमाल करना लाभ की बजाय नुकसानदायक होता है, हमेशा डाॅक्टर द्वारा लिखी गई दवा का ही इस्तेमाल करें. उनके द्वारा बताएं गए र्कोस को पूरा करें।
दुसरे की दवा न लें
दुसरों के पर्चे की दवा का इस्तेमाल न करें। सके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। बीमारी भले ही दिखने में एक जैसी हो उसके लिए एक ही दवा का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। डाॅक्टर जांच कर इस बात का पता लगाते हैं कि रोगी को कौन-सी दवा लाभदायक होगी। किसी बीमारी में ली गई दुसरे रोगी की दवा लेना कभी-कभी गंभीर परिणाम दिखाई दते हैं।
नीम हकीम के पास न जाएं
अनेक लोग पैेसे बचाने के चक्कर में नीम हकीम के पास इलाज करवाने चले जाते हैं बाद में उन्हें पछताना पड़ता है. यह मंहगा सबित हो सकता है। कभी-कभी बीमारी समय से पकड़ नहीं आती है ना ही नीम हकीम इस बात को बता पाते, वे अंधेरे में तीर चलाते रहते हैं. तब तक काफी देर हो चुकी होती है।
दर्द बढ़ता गया जो-जो इलाज की
बार-बार डाॅक्टर बदलते रहने से दर्द बढ़ता गया जो-जो इलाज की वाली स्थिति हो जाती हैं । जब भी किसी डाक्टर को दिखएं उसके द्वारा दी गई सलाह को पूरी तरह से माने। लाभ न मिलने पर उन्हें इस बारे में जानकारी दें. डाॅक्टर को मर्ज ढुंढ़ने का मौका दें।
अधूरा इलाज़ खतरनाक
अधूरा इलाज खतरनाक होता है जैसे ब्लड प्रेशर की दवा बंद करने पर ब्लड प्रेशर दुबारा बड़ सकता है इसी प्रकार डायबिटीज, अस्थामा आदि बीमारियों में अधूरा इलाज काफी परेशानदायक हो जाता है। हमेशा डाॅक्टर से चैकअप करवा कर ही दवा का सेवन बंद करें।
इन बातों का ध्यान रखें
- हमेशा रजिस्टर्ड मेडिकल स्टोर से ही दवा खरीदें. खरीदी गयी दवा की रशीद अवश्य लें। - दवा खरीदते समय दवा की एक्सप्रयारी डेट अवश्य देख लें। - मेडिकल स्टोर वाला यदि डाक्टर द्वारा लिखी गयी दवा की बजाये दुसरी दवा दे रहा है तो बिना डाक्टर की सलाह के न लें. पर्चे पर लिखे अनुसार दवा की खुराक लें। - हर दवा को फ्रीज में रखने की आवश्यकता नहीं होती है इसलिए डाॅक्टर की सलाह के बिना दवा को फ्रीज में न रखें। - दवाओं को एक शीशी से दुसरी शीशी में ट्रांसफर न करें. इससे दवा का प्रभाव नष्ट हो जाता हैं अंधेरे में टटोल कर कोई भी दवा न खाये। - घर में रखी किसी भी प्रकार की जहरीली दवा को इस्तेमाल की जाने वाली दवा के पास न रखें। - दवाओं की खाली शीशी, बोतल आदि कबाड़ी को न बेंचे इससे नकली दवा बनाने वालों को फायदा मिलता हैं इस्तेमाल के बाद इन्हें हमेशा नष्ट कर दें, दवाओं को हमेशा बच्चों की पहुंच से दूर रखें।