Coronavirus Treatment: बाबा रामदेव का दावा, कोरोना के इलाज में 100% प्रभावी है गिलोय और अश्वगंधा, जानिये क्यों

Coronavirus treatment and home remedies: कोरोना वायरस की चपेट में आकर दुनियाभर में अब तक 423,823 लोगों की मौत हो गई है और 7,596,103 लोग संक्रमित हो चुके हैं। कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है। तमाम वैज्ञानिक कोरोना एक निश्चित इलाज खोजने में जुटे हैं।

सरकार इस घातक महामारी से प्रभावित रोगियों के इलाज के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। आयुष मंत्रालय कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जड़ी बूटियों के उपयोग और उनकी प्रभावशीलता पर सोशल मीडिया पर विभिन्न युक्तियों को साझा करता रहता है। इस बीच योग गुरु बाब रामदेव ने इस महामारी का इलाज ढूंढने का दावा किया है।
गिलोय और अश्वगंधा कोरोना की चेन को तोड़ने में 100% प्रभावी
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आयुर्वेदिक ब्रांड पतंजलि के संस्थापक रामदेव ने कहा है कि इस अत्यधिक संक्रामक बीमारी का इलाज गिलोय और अश्वगंधा के साथ किया जा सकता है। बाबा रामदेव का दावा है कि जब वायरस शरीर में प्रवेश करता है, तो यह पूरे सिस्टम के काम को बाधित करता है। यह शरीर में बढ़ता है और अधिक से अधिक कोशिकाओं को संक्रमित करता रहता है।
कोरोना के मरीजों की रिकवरी दर 100 फीसदी
उन्होंने कहा है कि गिलोय आपके सिस्टम पर हमला करके संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने में 100% प्रभावी है। उन्होंने यह भी दावा किया कि गिलोय और अश्वगंधा पहले ही कोरोना के पॉजिटिव रोगियों को दिए जा चुके हैं और इन लोगों की रिकवरी दर 100% और मृत्यु दर 0 है।
बाबा रामदेव ने यह दावा क्यों किया
बाबा रामदेव के इस दावे से करोड़ों लोगों के मन में उम्मीद जगी है। गिलोय एक ऐसी जड़ी बूटी है, जो भारत के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती है। इस प्रतिरक्षा यानी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जाना जाता है। अश्वगंधा को इंडियन जिनसेंग के रूप में भी जाना जाता है। इन दोनों चीजों का आमतौर पर आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक औषधीय जड़ी बूटी के रूप में उपयोग किया जाता है।इन दो जड़ी-बूटियों के फायदों के बारे में लगभग सभी लोग जानते होंगे। सालों से इन जड़ी बूटियों का इस्तेमाल डेंगू जैसी घातक बीमारियों से लड़ने से लेकर डायबिटीज को कंट्रोल करने तक, विभिन्न जटिल बीमारियों के लिए सालों से किया जा रहा है।
गिलोय के फायदे
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, गिलोय डेंगू बुखार के लिए एक प्रभावी उपाय है। आयुर्वेद में, इसे अमृत (अमरता की जड़) के रूप में जाना जाता है और डेंगू बुखार के दौरान इसकी सिफारिश की जाती है, क्योंकि एंटीऑक्सिडेंट शरीर की रक्षा करते हैं और बुखार को कम करने में मदद करते हैं।
इन जड़ी बूटियों को प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। गिलोय के ताजा डंठल का रस निकालने और इसे 5-7 तुलसी के पत्तों के साथ मिलाकर 1/2 कप पानी के साथ उबालकर पीने की सलाह दी जाती है। यह प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में मदद करता है।
अश्वगंधा के फायदे
ऐसा माना जाता है कि इस हर्बल दवा का सेवन करने से शरीर में ऊर्जा और ताकत आती है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
इसमें विथेनाहाइड्स नामक एक सक्रिय घटक होता है, जो शरीर को तनाव से निपटने में मदद करता है और बैक्टीरिया जनित बीमारियों से सुरक्षा कवच भी बनाता है।
आयुर्वेद में, इसे 'बल्या' भी कहा जाता है, जो सामान्य दुर्बलता जैसी स्थितियों में बढ़ती ताकत को संदर्भित करता है। सोने से पहले शहद या दूध के साथ मिश्रित पाउडर के रूप में इसका सबसे अच्छा सेवन किया जाता है, जो ऊर्जा, सहनशक्ति और धीरज को बेहतर बनाता है।

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