लखनऊ. उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने आज यहां लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि जनसंख्या की दृष्टि से देश के सबसे विशाल राज्य उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्ग दर्शन व प्रदेश में टीम वर्क का यह परिणाम सामने आया है, लेकिन हमें अभी सतर्क रहना होगा. छोटी सी लापरवाही खतरनाक हो सकती है. उन्होंने कहा है कि कोविड-19 के प्रकोप को नियंत्रित करने, इसके उपचार के लिए चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को राहत पहुंचाने के लिए किए गए प्रबन्धों के बेहतर नतीजे मिल रहे हैं. पिछले दो दिनों के दौरान चार मण्डलों-बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़ तथा वाराणसी के अपने भ्रमण का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया है कि राज्य के सभी क्षेत्रों में कार्य किया गया है. इसके फलस्वरूप प्रदेश बेहतर स्थिति में है. श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में लाॅकडाउन का कड़ाई से अनुपालन कराया गया. लक्षण रहित कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को अस्पताल में रखा गया. इससे संक्रमण को नियंत्रित करने में काफी मदद मिली. उन्होंने कहा है कि वर्तमान में लागू अनलाॅक व्यवस्था के तहत प्रदान की गई छूट के दौरान पूरी सावधानी बरतना अत्यन्त आवश्यक है. इसके साथ ही, संक्रमित व्यक्तियों के समुचित उपचार की व्यवस्था भी जरूरी है. इसे ध्यान में रखते हुए प्रभावी प्रयास जारी रखे जाएं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि लाॅकडाउन के दौरान राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. इस दौरान राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों के परिणामस्वरूप जनता का प्रदेश सरकार पर भरोसा और सुदृढ़ हुआ है. उन्होंने जरूरतमन्दों को रोजगार के साथ जोड़ते हुए उनके इस विश्वास को और पुख्ता किए जाने के निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकार उनके हितों को पूरा करने के लिए हर सम्भव कदम उठा रही है. उन्होंने कहा है कि सभी स्ट्रीट वेंडरों को भरण-पोषण भत्ता अवश्य उपलब्ध कराया जाए. श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री के विशेष आर्थिक पैकेज का पूर्ण लाभ लेने का गम्भीरता से प्रयास किया जाए. इस पैकेज के माध्यम से भारत सरकार द्वारा पटरी दुकानदारों को ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है. इसमें समय से ऋण का भुगतान करने पर सब्सिडी की व्यवस्था भी गई है. डिजिटल पेमेंट पर प्रोत्साहन की भी व्यवस्था है. उन्होंने कारपेन्टर, सैलून आदि सभी श्रेणी के लोगों को ऋण दिलाने के सम्बन्ध में कार्ययोजना बनाकर इसे लागू करने के निर्देश भी दिए हैं. मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि कम संक्रमण की स्थिति राज्य के लिए एक अच्छा अवसर है. इसके दृष्टिगत प्रदेश में विभिन्न विभागों में श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने, स्ट्रीट वेंडरों को कार्य उपलब्ध कराने तथा एम0एस0एम0ई0 एवं बड़े उद्योगों में रोजगार सुलभ कराने के सम्बन्ध में एक वृहद और व्यापक कार्यक्रम तैयार किया जाए. इसके लिए कृषि व सम्बन्धित क्षेत्रों, एम0एस0एम0ई0 सेक्टर तथा बड़े उद्योगों में प्रदान किए जा सकने वाले रोजगार के सम्बन्ध में सर्वे कराया जाए. इस सर्वेक्षण में यह भी पता लगाया जाए कि लगातार 6 माह तथा अधिक समय तक कितने लोगों को रोजगार प्रदान किया जा सकता है. इस सम्बन्ध में एक ऐसा साॅफ्टवेयर विकसित किसा जाए, जिसके माध्यम से यह जानकारी मिल सके कि कितने व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध हुआ तथा अभी और कितने लोगों को रोजगार दिया जा सकता है. श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोविड चिकित्सालयों में डाॅक्टरों द्वारा मरीजों के परिजनों को रोगियों के स्वास्थ्य और रिकवरी की स्थिति की नियमित जानकारी दी जानी चाहिए. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि डाॅक्टरों तथा नर्सिंग स्टाफ द्वारा नियमित राउण्ड लिया जाए. आॅक्सीजन तथा वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखे गए मरीजों का विशेष ध्यान रखा जाए. सभी जनपदों में वंेटीलेटरों को कार्यशील रखा जाए. जिलों को उपलब्ध कराई गई ट्रूनैट मशीनों को कार्यशील कराया जाए. आवश्यकता का आकलन करते हुए और ट्रूनैट मशीनों को मंगाया जाए. ट्रूनैट मशीन खरीदने के इच्छुक निजी चिकित्सालयों को मशीन क्रय करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए. उन्होंने कहा है कि जनपदों में नई टेस्टिंग लैब के स्थापना कार्य को शीघ्र पूरा करते हुए टेस्टिंग लैब का संचालन किया जाए तथा स्थापित किए जा रहे कोविड अस्पतालों को यथाशीघ्र कार्यशील किया जाए. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि चिकित्सा के अभाव में किसी की भी मृत्यु नहीं होनी चाहिए. जब तक कोविड-19 हेतु किसी प्रभावी दवा अथवा वैक्सीन की खोज नहीं कर ली जाती, तब तक इसके संक्रमण से बचाव ही इसका उपचार है. इसके दृष्टिगत सर्विलांस सिस्टम को और सुदृढ़ बनाना आवश्यक है, जिससे मरीज को समय से इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया जा सके. उन्होंने प्रत्येक जनपद में क्वारंटीन सेन्टरों को सक्रिय रखे जाने के निर्देश भी दिए हैं. श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में संचारी रोग से होने वाली मृत्यु की दर में उल्लेखनीय गिरावट लाने में सुदृढ़ सर्विलांस सिस्टम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में मृत्यु दर अन्य प्रदेशों की अपेक्षा सबसे कम है. कोविड-19 की मृत्यु दर में गिरावट लाने के लिए प्रभावी कार्यवाही की आवश्यकता है. इसके तहत सबसे पहले संक्रमण को रोका जाए. किसी व्यक्ति के संक्रमित हो जाने पर उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाते हुए समुचित इलाज किया जाए. इससे कोरोना से होने वाली मृत्यु पर रोक लगेगी. मुख्यमंत्री ने कहा है कि पुलिस द्वारा नियमित तौर पर पेट्रोलिंग की जाए. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने पर विशेष ध्यान दिया जाए. मास्क लगाने के लिए लोगांे को जागरूक किया जाए. मास्क का इस्तेमाल न करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाए. उन्होंने वाहनों की रेण्डम चेकिंग करने के निर्देश भी दिए हैं. श्री अवस्थी ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में प्रदेश के 30 जनपद चयनित हुए हैं. उन्होंने बताया कि सरकार डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करेगी. श्री अवस्थी ने बताया कि धारा 188 के तहत 63,445 एफआईआर दर्ज करते हुये 1,74,466 लोगों को नामजद किया गया है. प्रदेश में अब तक 60,40,899 वाहनांे की सघन चेकिंग में 53,166 वाहन सीज किये गये. चेकिंग अभियान के दौरान 27,11,72,236 रूपए का शमन शुल्क वसूल किया गया. आवश्यक सेवाओं हेतु कुल 2,91,459 वाहनों के परमिट जारी किये गये हैं. कालाबाजारी एवं जमाखोरी करने वाले 908 लोगों के खिलाफ 691 एफआईआर दर्ज करते हुए 323 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि फेक न्यूज के तहत अब तक 1408 मामलों को संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही की गई है. 09 जून को कुल 09 मामले, जिनमें ट्विटर के 05, फेसबुक के 04 मामले को संज्ञान में लिया गया हंै तथा साइबर सेल को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित. 09 जून तक ट्वीटर के 79, फेसबुक के 77, टिकटाॅक के 47 तथा व्हाटसएप के 01 एकाउण्ट कुल 204 एकाउण्ट्स को ब्लाॅक किया जा चुका है. अभी तक कुल 50 एफआईआर पंजीकृत कराई गई है. विभिन्न जनपदों में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि प्रदेश की 96,870 औद्योगिक इकाइयों में से 88,691 इकाइयों द्वारा रु0 1833.21 करोड़ के वेतन का वितरण किया जा चुका है. निर्माण कार्यों से जुडेघ् 18.02 लाख श्रमिकों, नगरीय क्षेत्र के 8.85 लाख श्रमिकों तथा ग्रामीण क्षेत्रों के 6.71 लाख निराश्रित व्यक्तियों को रु0 1,000-1,000ध्- के आधार पर कुल 33.58 लाख लोगों को 335.80 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. श्री अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में हाॅटस्पाॅट वाले बस्तियों में 3781 डोर स्टेप डिलिवरी मिल्क बूथध्मैन के द्वारा दूध वितरित किया गया है. डोर स्टेप डिलिवरी 'फल, सब्जी आदि' कुल 5286 वाहन लगाये गये हैं. डोर स्टेप डिलिवरी वाले प्रोविजन स्टोर की संख्या 4773 है. प्रोविजन स्टोर के माध्यम से डिलिवरी करने वाले व्यक्तियों की संख्या 5732 है. हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों में कुल 120 प्रचलित सामुदायिक किचन हैं. उन्होंने बताया कि गेहूं के घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा 5896 क्रय केन्द्रों एवं मण्डी परिषद द्वारा गेहूँ की खरीद की जा रही है. श्री अवस्थी ने बताया कि देश में सबसे अधिक कामगार उत्तर प्रदेश में आये हैं. उन्होंने कहा कि दक्षिण के राज्यों से भी हम अपने कामगारों,श्रमिकों को प्रदेश में लाने में सफल हुए हैं. प्रदेश में अब तक 1642 टेªन से 22.17 लाख से अधिक लोगों को प्रदेश में लाया जा चुका है. उन्होंने बताया कि गोरखपुर में अब तक 278 टेªन से 3,56,650 कामगार एवं श्रमिक आये हैं. उन्होंने बताया कि आगरा में 12, कानपुर में 17, लखनऊ में 126 टेªन, जौनपुर में 139, बरेली में 12, बलिया में 71, प्रयागराज में 64, प्रतापगढ़ में 76, रायबरेली में 22, वाराणसी में 123, अमेठी में 17, मऊ में 49, कन्नौज में 03, गाजीपुर में 33, बांदा में 21, सुल्तानपुर में 28, लखीमपुर खीरी में 01, हरदोई में 20, आजमगढ़ में 45, अयोध्या में 37, बाराबंकी में 12, सोनभद्र में 04, गोण्डा में 71, अम्बेडकरनगर में 25, सीतापुर में 13, फतेहपुर में 09, उन्नाव में 28, बस्ती में 89 टेªन, फर्रूखाबाद में 02, कासगंज में 09, चंदौली में 17, मानिकपुर (चित्रकूट) में 01, एटा में 01, जालौन में 02, इटावा में 01, रामपुर में 01, शाहजहांपुर में 01, अलीगढ़ में 06, मिर्जापुर में 11, देवरिया में 104, सहारनपुर में 04, चित्रकूट में 03, बलरामपुर में 19, झांसी में 05, कौशांबी में 01 टेªन, पीलीभीत में 01, भदोही में 04, मुजफ्फरनगर में 01, महाराजगंज में 01 एवं महोबा में 01, आ चुकी हैं. मुरादाबाद, मेरठ, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, कुशीनगर, हमीरपुर, बहराइच, में भी टेªन आ रही हैं. श्री अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में गुजरात से 548 ट्रेन से 7,98,089 लोग, महाराष्ट्र से 428 टेªन, पंजाब से 235 टेªन कामगारों,श्रमिकों को लेकर प्रदेश में आ चुकी हैं. इसके साथ ही तेलंगाना से 25, कर्नाटक से 57, केरल से 19, आन्ध्र प्रदेश से 14, तमिलनाडु से 40, मध्य प्रदेश से 04, राजस्थान से 39, गोवा से 17, दिल्ली से 103, छत्तीसगढ़ से 01, पश्चिम बंगाल से 04, उड़ीसा से 01 टेªन, त्रिपुरा से 01 टेªन, हिमाचल प्रदेश से 04 टेªन, असम से 01 टेªन, उत्तराखण्ड से 04, जम्मू-कश्मीर से 02 तथा उत्तर प्रदेश से 94 टेªन के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कामगारों,श्रमिकों को पहुंचाया गया है. उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों उड़ीसा, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के ईंट भट्ठा श्रमिकों को उनके राज्य में भेजे जाने की व्यवस्था प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही है. प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कल अब तक की एक दिन में सर्वाधिक की जांच की गयी. उन्होंने बताया कि प्रदेश के 75 जनपदों में 4365 कोरोना के मामले एक्टिव हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 6669 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि कल कुल 12666 सैम्पल की जांच की गयी. पूल टेस्ट के अन्तर्गत 965 पूल 5-5 सैम्पल तथा 89 पूल 10-10 सैम्पल की जांच की गयी. श्री प्रसाद ने बताया कि आशा वर्कर्स द्वारा अब तक 14,28,209 कामगारों,श्रमिकों से उनके घर पर जाकर सम्पर्क किया गया, जिनमें से 1300 से अधिक लोगों में कोरोना जैसे लक्षण पाये गये हैं. उन्होंने बताया कि खांसी, बुखार, सांस फूलना, जुकाम आदि जैसे लक्षण पाये जाने पर हेल्थ विभाग के हेल्पलाइन नं0-18001805145 पर फोन करके सलाह ली जा सकती है. उन्होंने बताया कि दवा की दुकानों पर खांसी, बुखार, सांस फूलना, जुकाम आदि जैसे लक्षण की दवा किसी के द्वारा लिये जाने पर इसकी जानकारी फार्मासिस्ट द्वारा हेल्पलाइन नं0-18001805146 पर दी जाय जिससे दवा लेने वाले व्यक्ति की सर्विलांस की जा सके. उन्होंने बताया कि ग्राम एवं मोहल्ला निगरानी समितियों के द्वारा निगरानी का कार्य सक्रियता से किया जा रहा है. अब तक सर्विलांस टीम द्वारा 85,85,443 घरों के 4,37,13,029 लोगों का सर्वेक्षण किया गया है. उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप से जो अलर्ट जनरेट आने पर कन्ट्रोल रूम द्वारा निरन्तर फोन किया जा रहा है. अब तक 69,00,719 लोगों से सम्पर्क किया गया. उन्होंने कहा कि ग्राम एवं मोहल्ला निगरानी समिति को सदैव सक्रिय रखा जाय. उन्होंने कहा कि पुनः प्रयोग वाले मास्क जैसे कपड़े का मास्क, गमछा, रूमाल आदि को साबुन-पानी से अच्छी तरह से धोकर धूप में सुखाकर ही पुनः प्रयोग करें तथा बाजार से खरीदे गये मास्क को एक बार से ज्यादा प्रयोग न करें.