दिल्ली में कोरोना वायरस का संक्रमण कम्यूनिटी संक्रमण में तब्दील हुआ.?

नई दिल्ली. देश के साथ देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस का मामला तेजी से फैलता जा रहा है. दिल्ली सरकार तो मानने लगी है कि दिल्ली में कोरोना वायरस का संक्रमण कम्यूनिटी संक्रमण में तब्दील होने लगा है. इस बीच दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने आशंका जतायी है कि दिल्ली में जुलाई तक कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या पांच लाख के पार पास पहुंच जाएगी और कोरोना से संक्रमित लोगों के लिए 80 हजार विस्तरों की जरूरत पड़ेगी.

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया के हवाले से कहा है कि राजधानी में कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है लेकिन इसके बारे घोषणा करने का फ़ैसला केंद्र सरकार को करना है. दिल्ली में कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हुआ है या नहीं? इस सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, "एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि दिल्ली में कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक ये बात स्वीकार नहीं की है. हम इसकी घोषणा नहीं कर सकते हैं, इसका फ़ैसला केंद्र सरकार को करना है."
उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब होता है जब हमने कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ के सोर्स का पता नहीं हो. दिल्ली में ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनका सोर्स नहीं पता, उनको ये बीमारी कहां से मिली. ऐसे मरीज़ों की तादाद के बारे में पूछने पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब दिया कि दिल्ली में आधे मामले ऐसे हैं, जिनका सोर्स पता नहीं. लेकिन उन्होंने साथ में जोड़ा की केन्द्र सरकार जब मानेगी तभी ये माना जाएगा कि 'कम्युनिटी ट्रांसमिशन' शुरू हो चुका है. दिल्ली में कोविड-19 पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की हुई बैठक के बाद दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह जानकारी साझा की. इसके आलावा उन्होंने आने वाले दिनों में दिल्ली में संभावित कोरोना मरीज़ों की संख्या की जानकारी भी साझा की.
उनके मुताबिक़, "15 जून तक 44 हज़ार कोरोना मामले अकेले दिल्ली में होने की संभावना है, 15 जुलाई तक क़रीब 2.25 लाख मामले हो जाएंगे, जिनके लिए 33 हज़ार बेड्स की आवश्यकता होगी. 31 जुलाई तक 5.50 लाख केस दिल्ली में होंगे, जिसके लिए 80 हज़ार बेड्स की आवश्यक्ता होगी. इसके अलावा सिसौदिया ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सिर्फ़ दिल्ली के लोगों के इलाज के फ़ैसले को उप-राज्यपाल द्वारा पलटे जाने का भी ज़िक्र किया.
सिसौदिया ने कहा, "एलजी साहब से पूछा गया कि दिल्ली में कितने केस बढ़ेंगे और कितने बेड की आवश्यकता होगी तो उनको इसका कोई आइडिया नहीं था. हालांकि, इतना ज़रूर है कि पुराने मामलों के बढ़ने पर सबकी सहमति है. ऐसे में एलजी साहब ने जो फ़ैसला लिया है उससे दिल्ली के लोगों के लिए संकट पैदा हो गया है. इस मुद्दे को एलजी साहब के सामने उठाया गया लेकिन उन्होंने इस पर कुछ नहीं किया, अगर इस तरह से केस बढ़ते हैं तो दिल्ली वाले कहां इलाज के लिए जाएंगे.

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